GST नोटिस की मौद्रिक सीमा तय करने की योजनाः सीबीआईसी सदस्य

punjabkesari.in Tuesday, Sep 23, 2025 - 04:29 PM (IST)

नई दिल्लीः केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा-शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) करदाताओं पर अनावश्यक दबाव कम करने और नोटिस जारी करने में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए जीएसटी मांग के नोटिस पर मौद्रिक सीमा लागू करने की योजना बना रहा है। बोर्ड के सदस्य शशांक प्रिय ने मंगलवार को यह जानकारी दी। शशांक प्रिय ने उद्योग मंडल एसोचैम के एक कार्यक्रम में कहा कि सीबीआईसी जल्द ही अपने क्षेत्रीय कार्यालयों को इस संबंध में निर्देश जारी करेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि कर मांग के नोटिस केवल इसलिए जारी नहीं होंगे कि मांग की पुष्टि हो जाए। इसके लिए एक मौद्रिक सीमा तय करने की योजना है। 

उन्होंने कहा, ‘‘हम तुच्छ आधार पर नोटिस जारी करने के पक्ष में नहीं हैं। अब क्षेत्रीय कार्यालयों में न्यायसंगत फैसले सुनिश्चित किए जाएंगे और अनुचित मांग को हटाने में कोई हिचक नहीं होगी। यह एक सांस्कृतिक बदलाव है।'' सीबीआईसी करदाताओं की सुविधा के लिए जीएसटी रिटर्न प्रक्रिया को सरल बनाने पर भी काम कर रहा है। पांच करोड़ रुपये से अधिक कारोबार वाले व्यवसायों को अब केवल ई-इनवॉइस दर्ज करना होगा और बाकी डेटा अपने-आप ही दर्ज हो जाएगा। उन्होंने कहा कि क्यूआर कोड और ई-वे बिल के माध्यम से आपूर्ति शृंखला की पारदर्शिता भी सुनिश्चित होगी। 

एएमआरजी एंड एसोसिएट्स में वरिष्ठ साझेदार रजत मोहन ने इस प्रस्तावित सुधार पर कहा कि नोटिस पर मौद्रिक सीमा लागू करना करदाताओं और प्रशासन दोनों के लिए लाभकारी होगा। इससे छोटे मूल्य के विवादों में अनावश्यक नोटिस जारी होने एवं मुकदमेबाजी से बचा जा सकेगा और प्रशासनिक संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा। फिलहाल अपीलीय प्राधिकरण के समक्ष 20 लाख रुपए की विभागीय अपील की जा सकती है जबकि जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण के लिए एक करोड़ रुपए और उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय के लिए दो करोड़ रुपए की सीमा निर्धारित है। नए नियम लागू होने के बाद नोटिस स्तर पर भी ऐसी सीमाएं लागू होंगी। ऐसा होने पर व्यवसायों और प्रशासन के बीच विश्वास बढ़ेगा और अनुपालन प्रणाली अधिक संतुलित होगी। 
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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