CBI का दावा, जान-बूझकर लोन नहीं चुकाना चाहते थे माल्या

Friday, Jun 30, 2017 - 02:30 PM (IST)

नई दिल्लीः आई.डी.बी.आई. बैंक से 900 करोड़ रुपए लोन लेकर विदेश भागे किंगफिशर के मालिक विजय माल्या को लेकर सी.बी.आई. ने एक बडा खुलासा किया है। सी.बी.आई. ने दावा किया है कि विजय माल्या ने जान-बूझकर लोन नहीं चुकाने की साजिश की थी।

क्या लिखा था ई-मेल में
सी.बी.आई. ने पिछले हफ्ते माल्या द्वारा लोन न चुकाए जाने के मामले में चार्ज शीट दायर किया था। सी.बी.आई. ने मुंबई की कोर्ट में दायर चार्ज शीट में माल्या, किंगफिशर एयरलाइंस के अधिकारियों और आई.डी.बी.आई. बैंक के अधकारियों को आरोपी बनाया है। सी.बी.आई. ने चार्ज शीट में सबूत के तौर पर छह जनवरी 2012 को विजय माल्या द्वारा यूनाइटेड स्पीरीट्स लिमिटेड (यू.एस.एल.) के वरिष्ठ अधिकारी पीए मुरली को भेजे ईमेल को अटैच किया है। इस ईमेल में लिखा है “आई.डी.बी.आई. से कई ईमेल आए हैं, के.एफ.ए. अकाउंट के नॉन-पर्फार्मिंग एसेट बन जाने के बारे में। वो अचानक ही कुछ कर सकते हैं। कल ही उन्होंने मेरे यू.एस.एल. अकाउंट से 10 करोड़ रुपए काट लिए।

माल्या ने दिया था यह प्रस्ताव
साल 2009 में माल्या ने भारतीय स्टेट बैंक को किंगफिशर की “ब्रांड वैल्यू” को सिक्योरिटी के तौर पर रखने का प्रस्ताव दिया था। किंगफिशर की “ब्रांड वैल्यू” 3365 करोड़ रुपए बताई गई। सी.बी.आई. के अनुसार आई.डी.बी.आई. एवं अन्य बैंकों के अधिकारियों की यकीन दिलाया गया कि “ब्रांड वैल्यू” को सिक्योरिटी के तौर पर रखने का आइडिया बाहरी विशेषज्ञों द्वारा काफी गहन जांच के बाद सामने आया है। सी.बी.आई. के अनुसार माल्या ने मिलीभगत करके जांच रिपोर्ट तैयार करवाई थी।

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