नोटबंदी संकट से जुड़ी जानकारी देने से रिजर्व बैंक प्रेस का इनकार

Friday, Jan 27, 2017 - 05:06 PM (IST)

नई दिल्लीः आर.बी.आई. की नोट छापने वाली सहायक कंपनी ने नोटबंदी की घोषणा से पहले छापे गए 2,000 और 500 के नोटों का खुलासा करने से इनकार कर दिया है। कंपनी ने कहा कि ऐसे खुलासे से सरकार का हित प्रभावित हो सकता है। रिजर्व बैंक से सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मांगी गई जानकारी के जवाब में उसकी सहायक कंपनी ने आरटीआई कानून की धारा 8(1)(ए) का हवाला दिया।

21 साल पहले की गई थी कंपनी की स्थापना
आरबीआई से पूछा गया था कि केंद्रीय बैंक ने सरकार की नोटबंदी की घोषणा से पहले क्या तैयारियां की थीं। रिजर्व बैंक ने इस सवाल को भारतीय रिजर्व बैंक नोट (प्राइवेट) लिमिटेड, बेंगलुरु को भेज दिया था। यह कंपनी केंद्रीय बैंक की सहायक है और नोट छापने का काम करती है। इस सहायक कंपनी की स्थापना 21 साल पहले की गई थी, जिससे रिजर्व बैंक की नोट छपाई क्षमता बढ़ाई जा सके और देश में बैंक नोटों की मांग और आपूर्ति के अंतर को दूर किया जा सके।

बैंक ने किसी भी सूचना को नहीं किया सार्वजनिक 
कंपनी ने कहा कि आरटीआई कानून के तहत देश की अखंडता, सुरक्षा, कूटनीति, वैज्ञानिक या आर्थिक हित को देखते हुए कुछ सूचनाओं को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। हालांकि, उसने अपने इस फैसले के पीछे कोई वजह नहीं बताई है। खास बात यह है कि रिजर्व बैंक ने अलग से एक जवाब में कहा था कि 8 नवंबर को 247.3 करोड़ 2,000 के नोट थे, जो मूल्य के हिसाब से 4.94 लाख करोड़ रुपए बैठते हैं। रिजर्व बैंक देश में करेंसी की स्थिति के बारे में कोई सूचना नहीं दे रहा है और न ही नोटबंदी को लेकर तैयारियों के बारे में कुछ बता रहा है। केंद्रीय बैंक इसके लिए किसी न किसी तरह की छूट का हवाला दे रहा है।

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