Jio से कॉल करना होगा महंगा, कॉलिंग के लिए ग्राहकों को चुकाने पड़ेंगे 6 पैसे

Wednesday, Oct 09, 2019 - 06:33 PM (IST)

नई दिल्लीः रिलायंस जियो ने अपने ग्राहकों को बड़ा झटका देते हुए कॉलिंग के लिए पैसे लेने का ऐलान किया है। जियो के ग्राहकों को अब फोन पर बात करने के लिए पैसे देने होंगे। जियो के एक बयान के मुताबिक जियो के ग्राहकों को किसी दूसरी कंपनी के नेटवर्क पर कॉल करने के लिए प्रति मिनट 6 पैसे देने होंगे, हालांकि जियो से जियो के नेटवर्क पर कॉलिंग पहले की तरह ही फ्री रहेगी।

वहीं जियो ने कहा है कि वह अपने 35 करोड़ ग्राहकों को आश्वस्त करता है कि आउटगोइंग ऑफ-नेट मोबाइल कॉल पर 6 पैसा प्रति मिनट का शुल्क केवल तब तक जारी रहेगा जब तक TRAI अपने वर्तमान रेगुलेशन के अनुरूप IUC को समाप्त नहीं कर देता। हम TRAI के साथ सभी डाटा को साझा करेंगे ताकि वह समझ सके कि शून्य IUC यूजर्स के हित में है।

वर्तमान में 6 पैसे प्रति मिनट है IUC शुल्क
बता दें कि यह पूरा मामला इंटरकनेक्ट यूजेज चार्ज से जुड़ा है। IUC एक मोबाइल टेलिकॉम ऑपरेटर द्वारा दूसरे को भुगतान की जाने वाली रकम है। जब एक टेलीकॉम ऑपरेटर के ग्राहक दूसरे ऑपरेटर के ग्राहकों को आउटगोइंग मोबाइल कॉल करते हैं तब IUC का भुगतान कॉल करने वाले ऑपरेटर को करना पड़ता है। दो अलग-अलग नेटवर्क के बीच ये कॉल मोबाइल ऑफ-नेट कॉल के रूप में जानी जाती हैं। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) द्वारा IUC शुल्क निर्धारित किए जाते हैं और वर्तमान में यह 6 पैसे प्रति मिनट हैं।

1 जनवरी 2020 से आईयूसी चार्ज खत्म करने का प्रस्ताव था
जियो ने बताया कि सभी इंटरनेट कॉल, इनकमिंग कॉल, जियो से जियो पर कॉल और लैंडलाइन पर कॉल पहले की तरह फ्री रहेंगे। ट्राई ने 1 अक्टूबर 2017 को आईयूसी चार्ज 14 पैसे से घटाकर 6 पैसे किए थे। 1 जनवरी 2020 से इसे पूरी तरह खत्म करने का प्रस्ताव था लेकिन ट्राई इस पर फिर से कंसल्टेशन पेपर लाया है। इसलिए, ये शुल्क आगे भी जारी रह सकता है। जियो का कहना है कि पिछले तीन सालों में वह आईयूसी चार्ज के तौर पर 13,500 करोड़ रुपए का भुगतान दूसरे ऑपरेटरों को कर चुकी है। अब तक इसका बोझ ग्राहकों पर नहीं डाल रहे थे लेकिन ये शुल्क 31 दिसंबर के बाद भी जारी रहने की आशंकी को देखते हुए मजबूरन फैसला लेना पड़ा। जियो के नेटवर्क पर रोज 25-30 करोड़ मिस कॉल आते हैं। यानी हम अपने ग्राहकों के साथ ही दूसरे ऑपरेटरों के ग्राहकों को भी सुविधा दे रहे थे।

क्या है आईयूसी
जब एक टेलीकॉम ऑपरेटर के ग्राहक दूसरे ऑपरेटर के ग्राहकों को आउटगोइंग मोबाइल कॉल करते हैं तब IUC का भुगतान कॉल करने वाले ऑपरेटर को करना पड़ता है। दो अलग-अलग नेटवर्क के बीच ये कॉल मोबाइल ऑफ-नेट कॉल के रूप में जानी जाती हैं। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) द्वारा IUC शुल्क निर्धारित किए जाते हैं और वर्तमान में यह 6 पैसे प्रति मिनट हैं।

 

jyoti choudhary

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