400 मिनट की बात 2.50 रुपए में, TRAI के फैसले से सस्ती होंगी कॉल दरें

Saturday, Sep 23, 2017 - 12:06 PM (IST)

नई दिल्ली: फोन पर बातें करना अब और आसान हो जाएगा। जी हां, ट्राई ने दूरसंचार कंपनियों को कॉल दरें वाट्सऐप की लागत के बराबर लाने को कहा है जिससे कॉल दरें सस्ती होने के आसार हैं। देश का हर नागरिक महीने में औसत 400 मिनट बात करता है। अब सवाल यह उठता है कि इस पर कितना डाटा खर्च होता है? इसका जवाब है केवल 40 एमबी डाटा। इसका मतलब दूरसंचार कंपनियों को ग्राहक की महीनेभर की वॉयस कॉल को पूरा करने के लिए मात्र 2.50 रुपए की जरूरत पड़ती है। यही कारण है कि दूरसंचार नियामक प्राधिकारण (ट्राई) ने दूरसंचार कंपनियों को वॉयस कॉल की लागत व्हॉट्सऐप की लागत के बराबर लाने को कहा है।

रिलायंस जियो दे रहा है वोल्ट सेवाएं
वोल्ट जैसी नई तकनीक के आने से वॉयस कॉल की कीमत में इस तरह की उल्लेखनीय कमी संभव है। तकनीक में आए इस बदलाव के कारण कंपनियों को अपनी रणनीति में परिवर्तन के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। पहले इन कंपनियों का अधिकांश राजस्व वॉयस कॉल से ही आ रहा था लेकिन अब दूरसंचार कंपनियों की कमाई का मुख्य जरिया डाटा खपत से आएगा। इस समय जियो इस तकनीक के माध्यम से ग्राहकों को सेवा दे रहा है।

कॉल दरें होंगी सस्ती
सर्किट स्विचिंग तकनीक से वॉयस कॉल की लागत बहुत कम होने से दूरसंचार कंपनियों के लिए इसकी मुफ्त पेशकश करना आसान हो गया है। रिलायंस जियो ने यही किया है और उसकी प्रमुख प्रतिद्वंद्वी कंपनी भारती एयरटेल भी उसी रास्ते पर चल पड़ी है। कंपनी ने मुंबई में वोल्ट सेवाएं शुरू की हैं और अगले साल मार्च से इसे पूरे देश में शुरू होने की संभावना है। विश्लेषकों का अनुमान है कि विलय करने जा रही वोडाफोन और आइडिया भी अगले साल वोल्ट सेवा शुरू करेगी। विशेषज्ञों के अनुसार सभी कंपनियों के वोल्ट सेवा शुरू करने के बाद टर्मिनेशन शुल्क का मुद्दा खत्म हो जाएगा क्योंकि इससे लागत लगभग नहीं के बराबर हो जाएगी। ट्राई ने टर्मिनेशन शुल्क प्रति कॉल 14 पैसे से घटाकर 6 पैसा कर दिया है।

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