राखी में ड्रैगन को हुआ 4 हजार करोड़ का नुकसान, अब एक और झटका देने की तैयारी में CAIT
punjabkesari.in Friday, Aug 07, 2020 - 11:34 AM (IST)
बिजनेस डेस्कः गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद देश में चीन विरोधी माहौल बना हुआ है। लोग चीन के सामान का बहिष्कार कर रहे हैं। रक्षाबंधन के त्योहार पर भी लोगों ने चीन में बनी राखियों का बहिष्कार किया। इससे चीन को हजारों करोड़ रुपए के कारोबार का नुकसान हुआ। अब एक बार फिर कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के नेतृत्व में 9 अगस्त को देशभर के व्यापारी संगठन चीन के खिलाफ नया आंदोलन 'चीन भारत छोड़ो' शुरू करने वाले हैं। यह आंदोलन चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के कैट के राष्ट्रीय अभियान 'भारतीय सामान-हमारा अभिमान' का हिस्सा है।
कैट के मुताबिक, 9 अगस्त को सभी राज्यों के 600 शहरों में सामाजिक दूरी और सुरक्षा नियमों का पालन करते हुए व्यापारी विरोध प्रदर्शन करेंगे। इस अभियान के तहत केंद्र सरकार से भारत में 5जी नेटवर्क लागू करने में चीनी कंपनी हुवावे को प्रतिबंधित करने की मांग की जाएगी। साथ ही देश की स्टार्टअप कंपनियों में चीनी निवेश को लौटाने की मांग भी की जाएगी। साथ ही सरकार से मांग की जाएगी कि चीनी निवेश लौटाने के बाद स्टार्टअप को उसके बदले में आर्थिक मदद दी जाए। इसके अलावा कैट सरकार से आग्रह करेगी कि बाकी बचे चीनी ऐप को भी तुरंत प्रतिबंधित किया जाए।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि चीन ने 20 वर्षों में भारत के रिटेल बाजार पर कब्जा कर लिया है। अब बदले हुए हालात में चीनी उत्पादों से देश के रिटेल बाजार को आजाद कर आत्मनिर्भर भारतीय बाजार बनाना बेहद जरूरी है। इस वजह से चीन पर अपनी निर्भरता कम करने के लिए कैट ने चीन भारत छोड़ो की आवाज उठाने का आह्वान किया है। भरतिया ने कहा कि हाल में रक्षाबंधन के त्योहार को हिंदुस्तानी राखी के रूप में मनाने के कैट के अभियान को पूरा देश से समर्थन मिला। इससे चीनी राखी का पूरी तरह से बहिष्कार किया जा सका।
चीन को लगी 4 हजार करोड़ रुपए की चपत
खंडेलवाल ने बताया कि लोगों चीन से आयात किए गए कच्चे माल से बनी राखियों का भी बहिष्कार किया। इससे चीन को इस बार राखी के कारोबार में 4,000 करोड़ रुपए की चपत लगी है। इससे साफ है कि अगर देश के लोग संकल्प लेकर चीनी सामान का बहिष्कार करें तो भारत का व्यापार बहुत जल्द चीन के चंगुल से पूरी तरह मुक्त हो सकता है। भरतिया और खंडेलवाल ने कहा कि देश में अब सभी त्योहार भारतीय सामान का इस्तेमाल कर ही मनाए जाएंगे। बता दें कि अब जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी, नवरात्रि, दशहरा, धनतेरस, दिवाली, भैया दूज, छठ पूजा और तुलसी विवाह जैसे त्योहार इस साल आने बाकी हैं।