करेंसी नोटों से कोरोना फैलने पर कैट ने खड़ा किया सवाल, 6 महीने बाद भी सरकार ने नहीं दिया जवाब
Sunday, Sep 20, 2020 - 01:38 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः कॉन्फेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स एसोसिएशन (कैट) ने करेंसी नोटों से कोरोना फैलने पर सवाल खड़ा किया है। व्यापारिक संगठन का कहना है कि वह बीते छह महीनों से इस बारे में स्वास्थ्य मंत्री और आइसीएमआर से जवाब मांग रहा है। मगर, अब तक कोई जवाब नहीं मिला है। कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी का कहना है कि छह महीने बाद भी बार-बार याद दिलाने के बाद भी कोई जवाब नहीं दिया जा रहा है। साथ ही किसी प्रकार से कोई आवश्यक कदम भी नहीं उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे स्पष्ट किया जाना चाहिए। इस मामले में सरकार की चुप्पी आश्चर्यजनक है।
9 मार्च 2020 को ही पूछा था सवाल
कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने 9 मार्च 2020 को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन को एक पत्र भेजकर पूछा था कि क्या कोरोना करेंसी नोटों के ज़रिए फैल सकता है। इसके बाद 18 मार्च, 2020 को कैट ने एक अन्य पत्र इंडियन काउन्सिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के निदेशक डॉक्टर बलराम भार्गव को पत्र भेज कर यही सवाल उनसे भी किया था। लेकिन, 6 महीने बीत जाने के बाद भी इतने महत्वपूर्ण सवाल का जवाब नहीं मिला है। जबकि यह मसला न केवल देश के करोड़ों व्यापारियों बल्कि आम लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ा है।
कई शोधों से हुआ है साबित
देश में अनेक जगह और विदेशों में अनेक देशों में इस विषय पर अनेक अध्ययन रिपोर्ट में यह साबित हुआ है कि करेन्सी नोटों के द्वारा किसी भी प्रकार का संक्रमण तेज़ी से फैलता हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि नोटों की सतह सूखी होने के कारण किसी भी प्रकार का वाइरस या बैकटीरिया लम्बे समय तक उस पर रह सकता है। करेंसी नोटों का लेन- देन बड़ी मात्रा में अनेक अनजान लोगों के बीच होता है तो इस शृंखला में कौन व्यक्ति किस रोग से पीड़ित है, यह पता ही नहीं चलता। इस कारण से करेंसी नोटों के द्वारा संक्रमण जल्दी होने की आशंका रहती है। भारत में नकदी का प्रचलन बहुत ज्यादा है और इस दृष्टि से व्यापारियों को इससे बहुत अधिक खतरा है।
भारत में भी हुआ है शोध
कैट का कहना है कि किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ, जर्नल ऑफ़ करेंट माइक्रो बायोलोज़ी एंड ऐपलायड साइयन्स, इंटर्नैशनल जर्नल ऑफ़ फ़ार्मा एंड बायो साइयन्स, इंटर्नैशनल जर्नल ऑफ़ एडवॉन्स रिसर्च आदि ने भी अपनी अपनी रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि की है कि करेन्सी नोट के ज़रिए संक्रमण होता है। इस दृष्टि से कोरोना काल में करेन्सी का इस्तेमाल सावधानिपूर्वक किया जाना ज़रूरी है। लेकिन, इस मामले पर सरकार की चुप्पी बेहद आश्चर्यजनक है। कैट ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन से मांग की है कि वो मामले की गंभीरता को देखते हुए यह स्पष्ट करें की क्या करेंसी नोटों के जरिए कोरोना अथवा अन्य वाइरस या बैक्टीरिया फैलता है अथवा नहीं।