आडिट के लिए किसी भी प्रकार की सूचना मांगने के लिए GST कानून में प्रावधान चाहता है CAG

Tuesday, Jan 17, 2017 - 07:08 PM (IST)

नई दिल्लीः सरकार की एक जुलाई से जी.एस.टी. लागू करने की तैयारी के बीच कैग ने कानून में स्पष्ट रूप से यह प्रावधान करने को कहा है जिससे सरकारी आडिटर वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) प्राप्ति तथा उनके कोष के उपयोग की आडिट के लिए किसी प्रकार की सूचना मांग सके।   

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) के पास भारत के संचित निधि में किसी भी प्राप्ति का आडिट करने का अधिकार है। हालांकि जी.एस.टी. परिषद नए वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) कानून में सरकारी आडिटर को आडिट के सिलसिले में जी.एस.टी. प्रणाली की कर प्राप्तियों के क्षेत्र के बाहर की कोई सूचना मांगने के अधिकार देने के पक्ष में नहीं है।  

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेतली की अध्यक्षता वाली जी.एस.टी. परिषद तथा सभी राज्यों के प्रतिनिधियों की पिछले महीने हुई बैठक में जी.एस.टी. कानून के मसौदा मॉडल से उस प्रावधान को बाहर रखने का फैसला किया था जिसमें कैग को आडिट के लिए किसी भी प्रकार की सूचना मांगने का अधिकार की बात हो।  

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) शक्तिकांत शर्मा ने जी.एस.टी. परिषद की 11 दिसंबर को हुई बैठक के बाद मुलाकात की और मसौदा कानून में संशोधन की मांग की ताकि उसमें शब्द ‘कोई भी सूचना’ को शामिल किया जा सके और आडिटर आडिट के लिए उसे मांग सके। कैग कानून की धारा 16 आडिटर को सरकार की प्राप्ति का आडिट करने का अधिकार देता है।   

सूत्रों के अनुसार कैग का मानना है कि सुगमता से आडिट के लिए विभाग के अधिकारियों के पास जी.एस.टी. कानून में किसी भी प्रकार की सूचना मांगने का अधिकार देने वाला प्रावधान होना महत्वपूर्ण है। एेसा नहीं होने पर करदाता कैग आडिट के लिए अतिरिक्त सूचना मांगने को कानूनी रूप से चुनौती दे सकता है।  जी.एस.टी. परिषद ने 11 दिसंबर 2016 को अपनी छठी बैठक में जी.एस.टी. कानून में उक्त प्रावधान को शामिल करने में पक्ष में नहीं था।

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