मंत्रिमंडल GST से जुड़े विधेयकों पर कल कर सकता है विचार

Sunday, Mar 19, 2017 - 05:23 PM (IST)

नई दिल्‍लीः वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) को 1 जुलाई से लागू करने का रास्‍ता सोमवार को साफ हो सकता है। केंद्रीय कैबिनेट जी.एस.टी. के पूरक बिलों को अप्रूव करने पर विचार-विमर्श कर सकती है। कैबिनेट की तरफ से मंजूरी मिलने के बाद इन बिलों को संसद में पेश किया जाएगा। इन बिलों के पास होने के बाद जी.एस.टी. को कानूनी आधार मिल जाएगा और इसे 1 जुलाई से लागू करना आसान हो जाएगा। 

कैबिनेट के बाद संसद में जाएंगे ये बिल 
जी.एस.टी. को लागू करने से पहले जी.एस.टी. के सहयोगी बिलों को संसद की मंजूरी मिलनी जरूरी है। इसमें कम्‍पनसेशन लॉ, सेंट्रल-जीएसटी (सी-जीएसटी) और इंटिग्रेटेड जीएसटी (आई-जीएसटी), यूनियन टेरिटरी-जीएसटी (यूटी-जीएसटी) शामिल है। कैबिनेट की अप्रूवल के बाद इन बिलों को संसद में रखा जाएगा। इन 5 बिलों में से स्‍टेट-जीएसटी (एस-जीएसटी) को हर राज्‍य की विधानसभा की तरफ से पास किया जाना है, जबकि अन्‍य 4 को संसद की तरफ से मंजूरी मिलनी जरूरी है।     

सोमवार को बुलाई गई है मीटिंग  
सूत्रों ने बताया कि सोमवार को कैबिनेट मीटिंग बुलाई गई है। इसमें इन बिलों को मंजूरी दी जा सकती है। इससे पहले हुई दो मीटिंगों में जी.एस.टी. काऊंसिल इन बिलों को मंजूर कर चुकी है। इसके साथ ही स्‍टेट-जीएसटी बिल को भी काऊंसिल ने मंजूरी दी थी।

जी.एस.टी. काऊंसिल इन बिलों को कर चुकी है अप्रूव 
जी.एस.टी. काऊंसिल अपनी पिछली मीटिंगों में पांचों बिलों को मंजूरी दे चुकी है। अब 31 मार्च को होने वाली मीटिंग में रूल्स और रेग्युलेशंस को मंजूरी दी जाएगी। किसी सामान और सर्विस पर कितना जी.एस.टी. लागाया जाएगा, यह रूल्स बनने के बाद तय किया जाएगा। काऊंसिल से अभी 4 रूल्स को मंजूरी की जरूरत है। इनमें वैल्‍यूऐशन, इनपुट टैक्‍स क्रेडिट जैसे मामले शामिल हैं। इससे पहले काऊंसिल 9 नियमों को मंजूरी दे चुकी है जिनमें रजिस्‍ट्रेशन, पेमेंट, रिफंड जैसे विषय शामिल थे।

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