Byju नहीं दे पाई जुलाई की सैलरी, कंपनी के CEO ने खड़े कर दिए हाथ
punjabkesari.in Wednesday, Aug 21, 2024 - 12:33 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः संकट में फंसी एडटेक कंपनी बायजू (Byju) के कर्मचारियों का संकट टलने का नाम ही नहीं ले रहा है। कंपनी जुलाई की सैलरी देने में असफल रही है। इससे पहले भी बायजू कई महीनों से कर्मचारियों को लेट सैलरी दे रही थी। मगर, इस बार कंपनी के सीईओ बायजू रविंद्रन (Byju Raveendran) ने हाथ खड़े कर दिए हैं। उन्होंने कर्मचारियों को भेजे पत्र में कहा कि कंपनी के बैंक अकाउंट अभी हमारे नियंत्रण में नहीं है। ऐसे में इस बार सैलरी की फिलहाल कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है।
NCLAT के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक
हाल ही में बायजू को एक और तगड़ा झटका लगा था। कंपनी को बीसीसीआई (BCCI) के केस में नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने पैसा चुकाने की मंजूरी दे दी थी। मगर, सुप्रीम कोर्ट ने ग्लास ट्रस्ट कंपनी (Glas Trust Company) की याचिका पर इस समझौते पर रोक लगाकर बायजू को निराश कर दिया है। बायजू की पैरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न अभी तक जुलाई की सैलरी नहीं दे पाई है। कंपनी के एक सीनियर अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि NCLAT के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट की रोक के चलते सैलरी का संकट खड़ा हो गया है।
बायजू रविंद्रन ने कर्मचारियों को भेजा एक ईमेल
इस बीच बायजू रविंद्रन ने कर्मचारियों को भेजे एक ईमेल में कहा कि कानूनी चुनौतियों के चलते कंपनी की रिकवरी यात्रा लंबी होती जा रही है। हम दो साल से इन झंझटों में फंसे हुए हैं। मैं आपके लिए चिंतित हूं। जुलाई के लिए आपका वेतन अभी तक जमा नहीं किया गया है। बीसीसीआई के साथ विवाद के कारण हमें दिवालियापन में धकेल दिया गया था। हमने पैसा चुकाने को तैयार हो गए थे। मगर, सुप्रीम कोर्ट ने इस पर अस्थायी रोक लगा दी है। इसके चलते कंपनी के अकाउंट हमारे कंट्रोल में नहीं हैं।
सैलरी देने के लिए और पैसा जुटाने में हम असमर्थ
बायजू रविंद्रन ने कहा कि हम सैलरी देने के लिए और पैसा जुटाने में असमर्थ हैं। हमने पिछले कई महीनों में आपके वेतन दिए गए हैं। मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि जैसे ही हमें बैंक अकाउंट का कंट्रोल मिल जाएगा, उसी समय आपकी सैलरी का पेमेंट कर दिया जाएगा। इसके लिए हम पर्सनल लोन लेने को भी तैयार हैं। उन्होंने कहा कि बीसीसीआई को 158 करोड़ रुपए का पेमेंट रिजू रविंद्रन (Riju Raveendran) अपने पैसों से कर रहे थे।