कार खरीदो या मोबाइल, कंज्यूमर की लगेगी मौज

Saturday, Jul 29, 2017 - 06:59 PM (IST)

नई दिल्लीः एफ.एम.सी.जी. कंपनियों, कार निर्माता कंपनियों और मोबाइल कंपनियों के धोखे का अक्सर शिकार होने वाले कंज्यूमर के लिए अच्छी खबर है। सरकार अमरीका तर्ज पर एक ऐसी एजैंसी का गठन करने जा रही है जो देश के हर कंज्यूमर के अधिकार का ख्याल रखेगी। जरूरत पड़ने पर ये एजेंसी कंज्यूमर के साथ ठगी करने वाली कंपनी पर जुर्माने के साथ-साथ कंपनी को समान बजार से वापिस बुलाने का आदेश भी दे सकेगी। साथ ही नए कानून के तहत झूठी शिकायतों पर लगाम लगाने के लिए 10,000 से लेकर 50,000 रुपए तक जुर्माने की भी व्यवस्था की गई है।

लोकसभा में पेश होगा बिल
1986 से लागू उपभोक्ता संरक्षण कानून में बदलाव कर नए उपभोक्ता संरक्षण बिल को मॉनसून सत्र में लोकसभा में पेश किया जाने वाला है जिसका प्रारूप 2015 में ही तैयार किया गया था और पिछले साल लोकसभा में पेश किया गया था। यदि कैबिनेट से इसे मंजूरी मिल जाती है तो इसे मौजूदा सत्र में लोकसभा में पास कर दिया जाएगा।

जानिए इस बिल की खास बातेंः
-मान लीजिए कि आप कोई पैकेज फूड लेकर आते  हैं और वे पैकेट 100 अन्य लोगों ने भी खरीदा है और वो फूड खाने से लोग बीमार हो गए हैं लेकिन बीमार हुई लोगों में से केवल एक ही व्यक्ति ने कंपनी के खिलाफ शिकायत की है तो अन्य प्रभावित 99 ग्राहकों को भी एक ही शिकायतकर्त्ता की मांग पर मुआवजा मिल जाएगा।
-नए कानून में एक अहम बदलाव किया गया जिसके तहत कंज्यूमर अपनी शिकायत ऑनलाइन या फिर अपने स्थानीय उपभोक्ता अदालत में कर सकता है। जबकि मौजूदा कानून में कंज्यूमर केवल दुकानदार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई केवल लेनदेन वाले स्थान पर कर सकता है।
-हालांकि नए कानून में उपभोक्ता विवादों को सुलझाने के लिए मौजूद जिला, राज्य या राष्ट्रीय स्तर के ढांचे में बदलाव करने का कोई प्रावधान नहीं है यह सिर्फ उन्हें और शक्तिशाली बनाएगा।
-अगर मैन्यूफैक्चरिंग, डिजाइनिंग, फ़ॉर्म्युला, टेस्टिंग, और पैकेजिंग आदि में कमी की कारण अगर किसी कंज्यूमर को जान माल का नुक्सान होता है तो ऐसी स्थिती में मैन्यूफैक्चर्र और प्रड्यूसर दोनों ही जिम्मेदार होंगे।
 

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