लंबित प्रॉजेक्ट में बायर्स को मकान खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकता बिल्डर: NCDRC

Sunday, Aug 04, 2019 - 09:13 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः अगर किसी हाउसिंग प्रोजेक्ट के पूरा होने में विलंब हो गया हो तो यह घर खरीदने वाले पर निर्भर करता है कि वह पजेशन लेगा या अपने पैसे वापस लेगा। नेशनल कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रिड्रेशल कमीशन (NCDRC) ने यह बात कही है। आयोग ने यह भी कहा कि बिल्डर मकान तैयार होने का हवाला देकर पैसे वापस करने से इनकार नहीं कर सकता।

न्यायमूर्ति वीके जैन की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने दिल्ली बिल्डर पायनियर अर्बन लैंड एंड इन्फ्रांस्ट्रक्चर को एक होमबायर को 4.43 करोड़ रुपए लौटाने का निर्देश देते हुए यह फैसला दिया। होमबायर ने 2012 में गुरुग्राम में एक फ्लैट का पजेशन 2015 में मिलना था, लेकिन बिल्डर अपना वादा पूरा नहीं कर पाया, जिसके बाद बायर ने अपना रिफंड पाने के लिए 2018 में NCDRC का दरवाजा खटखटाया।

बिल्डर ने हालांकि फ्लैट का निर्माण करा दिया और होमबायर के शिकायत दर्ज कराने के महज 15 दिन पहले ही ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट भी हासिल कर लिया, फिर भी आयोग ने बिल्डर को पैसे लौटाने का आदेश दिया, क्योंकि निर्माण में दो साल से अधिक का विलंब हो चुका था। 

आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि बिल्डर को पैसे वापस करने थे, क्योंकि वह ऑक्यूपेंशी सर्टिफिकेट पाने में नाकाम रहा और अग्रीमेंट के अनुसार तय वक्त पर या उसके बाद तर्कसंगत समय पर बायर्स को पजेशन देने में नाकाम रहा। आयोग ने कहा कि बायर्स को फ्लैट खरीदने के बाध्य नहीं किया जा सकता, क्योंकि अग्रीमेंट के तहत ग्रेस पीरियड समाप्त होने के दो साल बाद उसे मकान ऑफर किया गया। 

Yaspal

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