नौकरी देने वाले क्षेत्रों को मिलेगी बजट में तवज्जो

Tuesday, Jan 17, 2017 - 12:06 PM (IST)

नई दिल्लीः नोटबंदी के बाद कई क्षेत्रों में नौकरियां जाने की आलोचना झेल रही सरकार आम बजट 2017-18 में उन क्षेत्रों को तवज्जो देगी जिनसे आने वाले दिनों में अच्छी खासी नौकरियां सृजित हो सकें। नौकरी देने वाले क्षेत्रों को ही बजट में राजकोषीय प्रोत्साहन मिलेंगे। माना जा रहा है कि सरकार टैक्सटाइल, सूचना प्रौद्योगिकी और पर्यटन जैसे रोजगारपरक क्षेत्रों से जुड़ी इकाइयों के लिए सौगात का ऐलान कर सकती है। साथ तटीय क्षेत्रों में बड़े स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग के लिए विशेष जोन बनाने के लिए भी कई तरह के प्रोत्साहनों का ऐलान हो सकता है।

सूत्रों का कहना है कि नीति आयोग ने सरकार को उन क्षेत्रों को प्रोत्साहित करने का सुझाव दिया है जिनसे अधिकाधिक नौकरियां सृजित हो सकें। विनिर्माण क्षेत्र को गति देने को चीन की तर्ज पर देश के पूर्वी और पश्चिमी तटीय क्षेत्रों में विशेष जोन बनाने की सिफारिश भी आयोग ने की है।

सूत्रों ने कहा कि अगर नौकरियां बढ़ाने के लिए आम बजट में उपाय नहीं किए गए तो मौजूदा सरकार पर भी यूपीए की तरह जॉब-लैस ग्रोथ के आरोप लग सकते हैं। यूपीए-एक के दौरान 2004-05 से 2009-10 के दौरान आर्थिक वृद्धि दर तो काफी ऊपर रही लेकिन मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में नौकरियां घट गयीं। इसके चलते सरकार को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा।

फिलहाल जीडीपी की वृद्धि 7 प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है। सीएसओ के अनुसार चालू वित्त वर्ष में भी विकास दर 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है। हालांकि विकास दर का यह स्तर संगठित क्षेत्र में रोजगार सृजन के रूप में देखने को नहीं मिला है। खासकर आठ नवंबर को सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद कई क्षेत्रों से नौकरियां जाने की खबरें आयीं हैं। वैसे यह मोदी सरकार का आम बजट है। इसके बाद सरकार के पास एक और पूर्ण बजट पेश करने का मौका होगा। ऐसे में उसकी कोशिश होगी कि रोजगार देने वाले क्षेत्रों को प्रमुखता दी जाए। वैसे भी अब तक मेक इन इंडिया कार्यक्रम कुछ खास असर दिखाने में सफल नहीं रहा है।

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