बजट से मिलेगा अफोर्डेबल हाउसिंग को बढ़ावा

Thursday, Feb 16, 2017 - 01:16 PM (IST)

नई दिल्लीः नोटबंदी की वजह से जो असर रियल एस्टेट मार्कीट पर पड़ा है, वह बजट के असर से खत्म हो जाएगा। यह कहना है रियल एस्टेट डेवलपर्स का। रियल एस्टेट डेवलपर्स ने बजट 2017 का स्वागत किया है। डेवलपर्स का कहना है कि बजट से अफोर्डेबल हाउसिंग को बढ़ावा मिलेगा और एक बार फिर से मार्कीट पटरी पर आ जाएगी। नेशनल हाउसिंग बैंक के रिफाइनेंसिंग टारगेट के बढ़ने से डेवलपर्स के साथ साथ होम बायर्स को भी लोन मिलना शुरू हो जाएगा।

अफोर्डेबल हाउसिंग और हाउसिंग फॉर ऑल, रियल एस्टेट के लिए सरकार के इस बजट में दो मुख्य मुद्दे रहे। फिलहाल प्रधान मंत्री अवास योजना का लाभ केवल इ.डब्लू.एस और एल.आई.जी. वर्ग के लोगो तक ही सीमित है, पर कम दामों के घरों की मांग देश में सभी वर्ग के लोगो को है। सरकार के 2019 तक के 1 करोड़ घर की टारगेट अफोर्डेबल हाउसिंग को काफी बढ़ावा देगी। कुल मिलाकर इस बार के बजट में आम जनता के लिए सरकार द्वारा सराहनीय कदम लिए गए हैं और यह पूरे तरीके से देश के विकास में भी कारगर होगा।
दीपक कपूर (प्रेसिडेंट, क्रेडाई पश्चिमी यूपी)

रियल एस्टेट मार्कीट के लिए बजट बेहद खास रहा। अफोर्डेबल हाउसिंग पर खास ध्यान दिया गया। एनएचबी का टारगेट बढ़ा कर लोन का दायरा बढ़ाएगा और खास बात यह है कि अब तक डेवलपर्स को 3 साल के भीतर अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट पूरे करने होते थे, जिसे बढ़ाकर 5 साल कर दिया गया है।
आरके अरोड़ा (चेयरमैन, सुपरटेक)

अफोर्डेबल हाउसिंग के साथ-साथ दूसरे सेगमेंट की हाउसिंग के लिए बजट में बहुत कुछ है। एनएचबी का टारगेट बढ़ने से होम लोन का दायरा बढ़ेगा। प्रॉपर्टी को होल्ड करने पर कैपिटल गेन टैक्स की अवधि कम करने से भी रियल एस्टेट सेक्टर को फायदा होगा।
राजेश दोषी (मैनेजिंग डायरेक्टर, एसीएमई ग्रुप)

बजट से सरकार ने सभी सेक्टरों को काफी राहत दी है खासकर अफोर्डेबल हाउसिंग को इंफ्रास्ट्रक्चरल स्टेटस मिलने से से हमें रियल एस्टेट सेक्टर में भी काफी विकास होता नज़र आएगा।| इसके साथ ही सरकार ने जो मध्यम वर्गीय लोगों में टैक्स से राहत दी है उनके लिए अब एक घर होना और भी आसान हो सकेगा जिससे की अब अफोर्डेबल हाउसिंग की डिमांड और भी बढ़ेगी।
प्रदीप अग्रवाल (सिग्नेचर ग्लोबल)

फाइनेंस मिनिस्टर ने घोषणा की है कि अब प्रोजेक्ट्स कारपेट एरिया के आधार पर बिकेंगे, इससे बायर्स के सेंटिमेंट्स में सुधार होगा। बायर्स को यह समझ आएगा कि उन्हें कितना एरिया का घर मिलेगा। इसके अलावा मिनिस्टर ने इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर भी फोकस किया है, जिससे रियल एस्टेट मार्कीट में सुधार होगा।
प्रशांत तिवारी (चेयरमैन, प्रतीक ग्रुप)

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