बजट 2020ः स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार पर हो सकता बड़ा ऐलान

Wednesday, Jan 29, 2020 - 03:11 PM (IST)

नई दिल्लीः राजस्थान के कोटा सहित देश के कई राज्यों में सरकारी अस्पतालों में अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं की बड़ी कमी के मद्देनजर अगले वित्त वर्ष के बजट में इन अस्पतालों की स्थिति सुधारने की दिशा में बड़ा ऐलान हो सकता है। इसके साथ ही सरकार से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 2.5 प्रतिशत स्वास्थ्य पर व्यय करने के वादे को पूरा करने की अपील की गई है। 

देश में 75 नए मेडिकल कॉलेज खोलने और मौजूदा मेडिकल कॉलेजों में छात्रों की संख्या में बढ़ोतरी कर चिकित्सकों की कमी दूर करने के निर्णयों के बाद सरकारी अस्पतालों के हालात सुधारना सरकार की प्राथमिकता में है। इसके साथ ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत राज्यों को सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए वित्तीय मदद भी दी जा रही है।

विश्लेषकों का कहना है कि इस बार बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सरकारी अस्पतालों की स्थिति में सुधार के लिए बड़ी योजना का ऐलान कर सकती हैं। मोदी सरकार आम लोगों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने को प्राथमिकता देती रही है और इसके लिए दो वर्ष पहले 10 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को 5 लाख रुपए तक मुफ्त और कैशलेस उपचार मुहैया कराने के उद्देश्य से आयुष्मान भारत जैसी महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की गई थी। अभी तक इस योजना के तहत 70 लाख से अधिक गरीबों का इलाज हो चुका है। इसके साथ ही 2022 तक आम लोगों की पहुंच में अत्याधुनिक जांच सुविधाओं को लाने के लिए पूरे देश में डेढ़ लाख वेलनेस सेंटर खोलने का काम भी चल रहा है लेकिन आयुष्मान भारत के तहत केवल गंभीर बीमारियों के इलाज की सुविधा है। 

सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति में चिकित्सा बजट को जीडीपी का 2.5 प्रतिशत करने का वादा किया था। इसके मद्देनजर सरकार ने पिछले बजट में स्वास्थ्य आवंटन में बढ़ोतरी की थी लेकिन अभी भी यह आवंटन जीडीपी के एक प्रतिशत से भी कम है। विश्लेषकों का कहना है कि प्राथमिक चिकित्सा के लिए अगले पांच साल में देश में ढांचागत सुविधाएं उपलब्ध कराने के वास्ते पांच लाख 38 हजार करोड़ रुपए की जरूरत पड़ेगी। देश में प्राथमिक चिकित्सा में आधारभूत ढांचे का बेहद अभाव है। वेलनेस सेंटर के लिए आधारभूत संरचना तैयार करने, स्वास्थ्यकर्मियों की कमी दूर करने, राष्ट्रीय एंबुलेंस सेवा को सुचारू रूप से चलाने के साथ जांच उपकरणों और दवाइयों के लिए बड़े पैमाने पर धन की जरूरत पड़ेगी। 
 

jyoti choudhary

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