बजट 2019: रियल एस्टेट सेक्टर को स्टाम्प शुल्क से राहत की उम्मीद

Saturday, Jan 19, 2019 - 01:21 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः पिछले छह-सात सालों से लगातार चुनौतीपूर्ण स्थिति का सामना कर रहे रियल एस्टेट क्षेत्र को इस बार बजट से काफी उम्मीदें हैं। उनका मानना है कि इस बार बजट में रियल एस्टेट सेक्टर से स्टाम्प ड्यूटी को खत्म कर देगी। इस क्षेत्र के दिग्गजों का कहना है कि इससे रियल एस्टेट के कारोबार में आसानी होगी। बिल्डर और डेवलपर्स का कहना है कि जहां एक ओर जीएसटी के चलते रियल एस्टेट सेक्टर में लेन-देन में कई तरह के करों तथा जटिलताओं में कमी आई है लेकिन स्टाम्प ड्यूटी अभी भी बनी हुई है। उनका कहना है कि अन्य उद्योगों की तरह इसे रियल एस्टेट सेक्टर से भी हटाया जाना चाहिए।

GDP में 6.7% का योगदान
अग्रणी रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक लिमिटेड के चेयरमैन आर. के. अरोड़ा का कहना है कि इस बार के बजट में रियल एस्टेट सेक्टर को सरकार से काफी उम्मीदें हैं। उनका कहना है कि भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर अर्थव्यवस्था के सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक है जिसने 2017 में सकल घरेलू उत्पाद में 6.7  फीसदी का योगदान दिया। हमें लगता है कि वर्ष 2025 तक इसके 13 फीसदी तक पहुंच जाएगा। भारत की आज़ादी की 75वीं सालगिरह यानि 2022 तक सभी के लिए आवास के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए सरकार पिछले कुछ सालों से इस क्षेत्र पर विशेष ध्यान दे रही है, हालांकि इस दिशा में अभी बहुत प्रयास करने बाकी हैं।

रियल एस्टेट की प्रमुख मांग

  • आयकर अधिनियम की धारा 72 ए के दायरे में रियल एस्टेट क्षेत्र को शामिल करें
  • घर की संपत्ति से नुकसान के सेट-ऑफ पर प्रतिबंध को हटा दें
  • अचल संपत्ति के हस्तांतरण पर भुगतान पर टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) को हटाया जाए
  • डेवलपर्स का तर्क है कि चूंकि भूमि की लागत अलग-अलग शहरों में भिन्न होती है और कुछ शहरों में यह कुल संपत्ति मूल्य के 80 फीसदी तक जाती है, इसे 33 फीसदी तक सीमित करना अनुचित है

 

jyoti choudhary

Advertising