बजट 2018: इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव समेत मिल सकती हैं ये सौगातें

Wednesday, Jan 03, 2018 - 01:51 PM (IST)

नई दिल्लीः साल 2018 का बजट पेश होने में एक महीने से भी कम समय बच गया है।  वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आर्थिक-सामाजिक क्षेत्र के विभिन्न संगठनों और प्रतिनिधियों के साथ बैठकों का सिलसिला शुरू कर दिया है। 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों से ठीक पहले आ रहे इस बजट के लोकलुभावन होने की उम्मीद जताई जा रही है। ऐसे में इस बजट में सरकार आम आदमी को कई मोर्चों पर राहत दे सकती है। अरुण जेटली जी.एस.टी. से लेकर इनकम टैक्स स्लैब घटाने समेत कई बदलावों की घोषणा कर सकते हैं। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले आ रहे इस बजट में यह सौगातें मिल सकती है।

बढ़ाया जा सकता है इनकम टैक्स स्लैब
नोटबंदी के बाद से ही यह उम्मीद जताई जा रही थी कि आयकर टैक्स स्लैब को 2.5 लाख से बढ़ाया जा सकता है। वित्त मंत्री के साथ बजट को लेकर हुई पूर्व परामर्श बैठक में श्रमिक संगठनों ने इस बात को फिर से उठाया है। उन्होंने मांग की कि है कि इनकम टैक्स स्लैब बढ़ाकर सालाना 5 लाख रुपए किया जाना चाहिए। श्रमिक संगठनों से उठ रही मांग और लोकसभा चुनाव को देखते हुए इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव तय माना जा रहा है। बता दें कि फिलहाल 2.5 लाख रुपए की सालाना आय से इनकम टैक्स स्लैब शुरू होता है। अगर सरकार स्लैब को 2.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए करती है, तो लोगों को इसका डबल फायदा मिलेगा।

GST टैक्स स्लैब में बदलाव
जीएसटी में केंद्र सरकार लगातार बदलाव करती जा रही है। अब जब सरकार जीएसटी के बाद अपना पहला बजट पेश कर रही है, तो इसमें वह इस टैक्स व्यवस्था में भी अहम बदलाव कर सकती है। इस बजट में जीएसटी टैक्स स्लैब को कम किया जा सकता है। मौजूदा समय में 0, 5, 12, 18, 28 फीसदी के टैक्स स्लैब हैं। इस बजट में सरकार 12 और 18 फीसदी के टैक्स स्लैब को एक कर सकती है।

घर खरीदना हो सकता है सस्ता
इस साल के बजट में सबसे बड़ा तोहफा घर खरीदने वालों को मिल सकता है। वित्त मंत्री अरुण जेटली बजट में प्रॉपर्टी को जीएसटी के दायरे में लाने का फैसला ले सकते हैं। पिछले दिनों उन्होंने खुद इसका संकेत दिया था। अगर ऐसा होता है तो आम आदमी को घर खरीदना सस्ता पड़ सकता है।

गांव पर होगा फोकस
बजट में इस बार सरकार ग्रामीण सेक्टर और किसानों की हालत सुधारने पर फोकस कर सकती है। पिछले कुछ वक्त में एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट घटा है। इसमें वित्त वर्ष  2016-17 में 21 फीसदी की गिरावट आई है। दरअसल जब एक्सपोर्ट  की स्थिति बेहतर होती है, तो देश में कृष‍ि उत्पादों की कीमतें भी नियंत्रण में रहती हैं। ऐसे में सरकार एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए कुछ अहम फैसले बजट में ले सकती है। इसके अलावा किसानों की आय बढ़ाने के लिए उन्हें उनके उत्पाद का बेहतर मूल्य दिए जाने का इंतजाम किया जा सकता है। इसके साथ ही किसान कर्ज माफी पर भी कुछ अहम घोषणा हो सकती है।

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