बजट 2018: आयातित उत्पादों पर IGST की दर बढ़ाने की मांग

Tuesday, Jan 30, 2018 - 12:09 PM (IST)

नई दिल्लीः बजट से उम्मीदे तो हर क्षेत्र लगा बैठा है वहीं इलेक्ट्रिकल अप्लायंसेज उद्योग आयातित उत्पादों के चलते मुश्किल में है। वर्तमान में ज्यादातर इलेक्ट्रिकल किचन अप्लायंसेज पर आइजीएसटी की दर 18 और 28 फीसद है। इसके अलावा इन उत्पादों पर बेसिक कस्टम ड्यूटी भी मान्य है जो भिन्न उत्पादों पर अलग है। मसलन इलेक्ट्रिकल चिमनी पर बेसिक कस्टम ड्यूटी साढ़े सात फीसद है। जबकि इस पर 28 फीसद का आइजीएसटी है।

इसी तरह चिमनी के हुड पर आइजीएसटी की दर 18 फीसद है। उद्योग चाहता है कि देश में मेक इन इंडिया के तहत मैन्यूफैक्चरिंग की रफ्तार को बनाए रखने के लिए सरकार सस्ते आयात को नियंत्रित करने के उपाय करे। इसके लिए उद्योग न केवल पूरी तरह आयातित उत्पादों पर आइजीएसटी की दर बढ़ाने की मांग कर रहा है बल्कि बेसिक कस्टम ड्यूटी में भी वृद्धि करने की मांग कर रहा है। घरेलू उद्योग का मानना है कि ड्यूटी की ये दरें स्वदेशी उत्पादन के साथ प्रतिस्पर्धी नहीं है।

चूंकि विदेशों में इन उत्पादों की कीमत कम रहती है लिहाजा ड्यूटी की मौजूदा दरें भी इन उत्पादों को देश में निर्मित उत्पादों के मुकाबले सस्ता बना देती हैं। देश के किचन हुड बाजार में संगठित उद्योग का हिस्सा 65-70 फीसद है। किचन हुड बनाने वाली कंपनी एलिका पीबी इंडिया के सीईओ व निदेशक प्रह्लाद भुटाडा का मानना है कि घरेलू उद्योग को सस्ते आयात से बचाने के लिए सरकार को बेसिक कस्टम ड्यूटी के साथ साथ आइजीएसटी की दर में वृद्धि करना भी जरूरी है। इससे मेक इन इंडिया अभियान को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।
 

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