पश्चिमी रेटिंग एजेंसियों से मुकाबले के लिए बने ब्रिक्स क्रेडिट रेटिंग एजेंसी: मोदी

Monday, Sep 04, 2017 - 02:35 PM (IST)

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिमी रेटिंग संस्थानों का मुकाबला करने तथा विकासशील देशों के स्वायत्त एवं कॉरपोरेट निकायों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए आज एक ब्रिक्स क्रेडिट रेटिंग एजेंसी बनाने की पुरजोर वकालत की। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र को यहां संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि एक अलग रेटिंग एजेंसी सदस्य देशों की अर्थव्यवस्थाओं के साथ अन्य विकासशील देशों की भी मदद करेगी। उल्लेखनीय है कि ब्रिक्स समूह में भारत के अलावा ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। ब्रिक्स रेटिंग एजेंसी के जल्द गठन की बात करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘हमारे केंद्रीय बैंकों को निश्चित तौर पर अपनी क्षमता बढ़ानी होगी तथा आकस्मिक विदेशी मुद्रा कोष व्यवस्था और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के बीच सहयोग को बढ़ावा देना होगा।’’

सबसे पहले भारत ने रखा विचार 
ब्रिक्स देशों के लिए इस तरह की एक एजेंसी के विचार को सबसे पहले भारत ने ही सामने रखा था ताकि मूडीज, फिच और स्टैंडर्ड एंड पुअर्स जैसी पश्चिमी क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों के दबदबे वाली मौजूदा क्रेडिट रेटिंग व्यवस्था से उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए खड़ी बाधाओं को दूर किया जा सके। उल्लेखनीय है कि ये तीन पश्चिमी रेटिंग एजेंसियां वर्तमान संप्रभु रेटिंग बाजार के 90% पर काबिज हैं। पिछले साल गोवा में हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भारतीय अधिकारियों ने आगे बढ़कर मौजूदा क्रेडिट रेटिंग व्यवस्था की कमियों और एक वैकल्पिक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी की जरूरत के बारे में बताया था।  

औद्योगिक सहयोग जैसे क्षेत्रों में तालमेल बढ़ाने की जरूरत 
चीन के राष्ट्रपति शी ने कहा कि ब्रिक्स देशों को खुली अर्थव्यवस्था बनानी चाहिए, बहुपक्षीय व्यापार व्यवस्था को समर्थन करना चाहिए तथा संरक्षणवाद का विरोध करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें वैश्विक अर्थव्यवस्था संचालन में सुधार तेज करने, उभरते बाजार एवं विकासशील देशों की आवाज एवं उनका प्रतिनिधित्व, विकास की खाई को पाटने के प्रयास बढ़ाने और वैश्विक आर्थिक वृद्धि को तेज करने की जरूरत है।’’शी ने कहा कि ब्रिक्स देशों को व्यावहारिक आर्थिक सहयोग बढ़ाने के प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि कई उपलब्धियां हासिल करने के बावजूद इस सहयोग की क्षमताओं का पूर्ण दोहन किया जाना अभी शेष है।शी ने कहा कि ब्रिक्स के पांचों देशों का 2016 में कुल विदेशी निवेश 197 अरब डॉलर रहा लेकिन इसका महज 5.7 %निवेश ब्रिक्स के सदस्य देशों में किया गया। चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि ब्रिक्स देशों को व्यापार एवं निवेश, मौद्रिक एवं वित्त, संपर्क, समावेशी विकास, नवाचार और औद्योगिक सहयोग जैसे क्षेत्रों में तालमेल बढ़ाने की जरूरत है। ब्रिक्स की प्रगति पर जोर डालते हुए उन्होंने कहा कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं के इस समूह ने नव विकास बैंक (एनडीबी) का अफ्रीकी क्षेत्रीय केंद्र शुरू किया है।उन्होंने सदस्य देशों से ब्रिक्स के तालमेल के दूसरे स्र्विणम दशक में पहुंचने तथा पांचों देशों समेत दुनिया भर के लोगों को वृहद लाभ पहुंचाने के लिए हाथ मिलाने का आह्वान किया। 

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