छोटे चाय उत्पादकों के लिए ‘ब्रांडिंग'' आवश्यक

punjabkesari.in Tuesday, Jan 30, 2024 - 12:49 PM (IST)

गुवाहाटीः छोटे चाय उत्पादकों के लिए ‘ब्रांडिंग' मौजूदा समय में सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। बाइसेन्टेनरी असम टी इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस 2024 के उद्घाटन के मौके पर ‘असम और भारत में लघु चाय उत्पादकों की क्रांति' विषय पर चर्चा के दौरान वक्ताओं ने यह बात कही। इस दो दिवसीय कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि चाय बागान मालिकों के लिए यह एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है, इसलिए उनके उत्पाद की ‘ब्रांडिंग' से उनके द्वारा उत्पादित खराब गुणवत्ता वाली पत्तियों के आरोप को काफी हद तक दूर करने में मदद मिलेगी। 

कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन स्मॉल टीम ग्रोअर्स एसोसिएशन (सीआईएसटीए) के बिजॉय गोपाल चक्रवर्ती ने कहा, ‘‘गुणवत्ता बनाए रखना हमारे सामने एक बड़ा मुद्दा है। इसे दूर करने के लिए ‘ब्रांडिंग' सबसे महत्वपूर्ण है।'' उन्होंने दावा किया कि देश में सालाना उत्पादित होने वाली चाय में छोटे चाय उत्पादकों का योगदान 50 प्रतिशत से अधिक है लेकिन खराब गुणवत्ता वाली पत्तियों के आरोप उनके खिलाफ अक्सर लगते रहते हैं। चक्रवर्ती ने कहा कि उचित ‘ब्रांडिंग' काफी हद तक गुणवत्ता अनुपालन के मुद्दे से निपटने में मदद कर सकती है। 

चाय विनिर्माण ‘कंसल्टेंसी' चलाने वाले सिद्धार्थ थार्ड ने कहा, ‘‘छोटे चाय उत्पादकों को ज्यादातर 'बैकएंड उत्पादक' के रूप में देखा जाता है और उन्हें कम कीमत वसूली की समस्या का सामना करना पड़ता है, जो उनकी आय तथा आजीविका को गंभीर रूप से प्रभावित करता है।'' टी बोर्ड इंडिया के पूर्व अध्यक्ष पीके बेजबोरूआ ने कहा कि कीमत बेहतर गुणवत्ता वाली पत्तियों के लिए एक महत्वपूर्ण चालक के रूप में काम कर सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ छोटे उत्पादक उच्च गुणवत्ता वाली हरी पत्तियों का उत्पादन करते हैं और उन्हें बहुत अच्छी कीमतें मिलती हैं। ऐसे परिदृश्य में कीमत गुणवत्तापूर्ण उत्पादन के लिए चालक बन जाती है।'' 


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Content Writer

jyoti choudhary

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