6 लाख रुपए से ज्यादा की ज्यूलरी खरीदी तो खबर लेगी सरकार

Friday, Jan 19, 2018 - 09:45 AM (IST)

नई दिल्लीः मोदी सरकार अब काले धन पर अगला प्रहार करने जा रही है। आने वाले वक्त में काले धन के कारोबारियों के लिए कोई जगह सुरक्षित नहीं रहने वाली है। शेयर बाजार भी अब सरकार की निगाह में आ चुका है। पिछले साल से सरकार रत्न और ज्यूलरी के खुदरा कारोबार में भी ज्यादा पारदर्शिता लाने की कवायद कर रही है। अब 6 लाख रुपए से ज्यादा ज्यूलरी खरीदने वालों की भी सरकार खबर लेगी। सरकार जेम्स एंड ज्यूलरी सैक्टर पर कड़ी नजर रखने के लिए नए नियम तैयार कर रही है। खुदरा आभूषण दुकानदारों को 6 लाख रुपए से ज्यादा की खरीद की जानकारी फाइनैंशियल इंटैलीजैंस यूनिट को देनी होगी। रिपोर्ट में एक सरकारी अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि प्रस्ताव पर काम हो रहा है। नए नियम एशो-आराम के अन्य सामान बेचने वाले दुकानदारों पर भी लागू होंगे।

सिंगापुर में जमा काले धन पर सरकार की नजर
सिंगापुर के बैंकों में रखी गई अघोषित पूंजी पर अब सरकार की नजर है। सरकार जल्द ही सिंगापुर में वर्ष 2008 से भारतीयों द्वारा खोले गए सभी खातों से जुड़ी सूचनाएं जल्द ही हासिल करने वाली है। सिंगापुर के राजस्व अधिकारियों ने दोहरे कराधान-बचाव समझौता (डी.टी.ए.ए.) के तहत सभी बैंकों को भारतीय खाताधारकों का ब्यौरा नई दिल्ली से सांझा करने को कहा है। विदेश में रखे गए काले धन पर लगाम लगाने के लिए सूचना-सांझेदारी के अभियान के तहत सिंगापुर में बैंक खाता खोलने वाले कई भारतीयों को इस संदर्भ में पत्र मिला है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी का कहना है कि यह तो महज एक शुरुआत है। हमारे पास सिंगापुर में सभी पूर्व और वर्तमान खाताधारकों से जुड़ी सूचनाओं का पूरा डाटाबेस है और हम पूंजी की गतिविधि पर पूरी नजर रख रहे हैं। दूसरे देशों की सूचनाएं भी हमारे साथ सांझा की जा रही हैं। भारतीय अधिकारियों के साथ सिंगापुर जो सूचनाएं सांझा कर रहा है वह केवल खाताधारकों के बारे में ही नहीं है बल्कि लाभार्थियों से जुड़ी सूचनाएं भी सांझा की जा रही हैं।

बंद खातों की जानकारी 
एक वरिष्ठ कर अधिकारी का कहना है कि हमें विशेष करदाताओं के बारे में सूचनाएं देने के बारे में कहा गया है जो हमारे सूत्र द्वारा मिली सूचनाओं पर आधारित है। बड़े पैमाने पर सूचनाओं की सांझेदारी की जा रही है। हम अपने संधि ह्यसांझेदार देशों को सूचना मुहैया करा रहे हैं। भारत सरकार को बंद खातों की जानकारी भी उपलब्ध कराई जाएगी। एक अधिकारी का कहना है कि अगर आपने  सिंगापुर में अपना खाता बंद कर दिया है और अपनी पूंजी एक ऐसे देश में स्थानांतरित कर दी है जो कर के लिहाज से अनुकूल है तब भी हमें सूचना सांझेदारी के तहत सूचना मिलेगी। स्विट्जरलैंड ने भी भारतीय खातों की सूचनाएं इकट्ठा करना शुरू किया है और अगले साल से इसे भारतीय अधिकारियों के साथ सांझा भी किया जाएगा।

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