भारतीय अर्थव्यवस्था पर मंडराने वाले हैं और काले बादल

Saturday, Sep 16, 2017 - 11:01 AM (IST)

पेइचिंग: चीन में स्थिर संपदा निवेश की वृद्धि दर 18 वर्ष के निचले स्तर पर आने के साथ ही औद्योगिक उत्पादन और खुदरा विक्रय सुस्त पड़ गया है जिसे चीनी अर्थव्यवस्था में शिथिलता आने का संकेत माना जा रहा है। इससे यह कयास लगाए जा रहे हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी काले बादल मंडराने वाले हैं। चालू वर्ष के पहले 8 महीने में चीन की विकास दर 7.8 प्रतिशत रही है जो दिसम्बर, 1999 के बाद का निचला स्तर है।

सीमैंट, इस्पात की कीमतें बढ़ीं
सरकारी निवेश के बल पर निर्माण क्षेत्र को गति मिली है और इससे सीमैंट, इस्पात से लेकर सीसे तक की मांग में तेजी आई है और कीमतें बढ़ी हैं। कई वर्षों के बाद वैश्विक मांग बढ़ने से चीन के निर्यात में सुधार दिख रहा है। चालू वर्ष के पहले 8 महीने जनवरी से अगस्त के दौरान निजी निवेश में 6.4 प्रतिशत की बढ़ौतरी हुई है जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह दर 6.9 प्रतिशत रही थी। चीन के कुल निवेश में निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी करीब 60 प्रतिशत है।

औद्योगिक उत्पादन रहा नरम
चीन के औद्योगिक उत्पादन में भी नरमी रही है। इस वर्ष अगस्त में यह पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में 6.0 प्रतिशत बढ़ा है जो 9 महीने में सबसे कम है। कैपिटल इकोनॉमिक्स ने एक नोट में कहा है कि इंफ्रास्ट्रक्चर व्यय में शिथिलता आने के संकेत मिल रहे हैं और स्थानीय सरकारों को फिर से इस क्षेत्र में निवेश बढ़ाना पड़ेगा। इसके साथ ही कड़ी मौद्रिक नीति से ऋण उठाव पर भी दबाव बना है तथा आने वाली तिमाहियों में आर्थिक गतिविधियों में और सुस्ती आने की आशंका है। सांख्यिकी ब्यूरो ने कहा है कि पिछले महीने के औद्योगिक उत्पादन पर गर्म मौसम और ढांचागत करैक्शन का असर हुआ है और अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है तथा सुधार का रुख दिख रहा है। मासिक आधार पर औद्योगिक उत्पादन में आधी प्रतिशत की बढ़ौतरी दर्ज की गई है। अगस्त में खुदरा विक्रय की वृद्धि दर 10.1 प्रतिशत रही है जो 6 महीने में सबसे कम है। इस वर्ष जुलाई में यह 10.4 प्रतिशत रहा था। चीन ने चालू वर्ष की पहली छमाही में अनुमान से बेहतर प्रदर्शन किया था लेकिन उसके बाद अर्थव्यवस्था में सुस्ती का रुख दिखने लगा है। 

Advertising