चीन की तुलना में भारत में बैंकिंग दबाव का जोखिम कम

punjabkesari.in Sunday, Aug 21, 2016 - 06:41 PM (IST)

नई दिल्लीः बैंकिंग दबाव जोखिम के मामले में भारत की स्थिति पड़ोसी देशों चीन और ब्राजील से बेहतर है। बैंक फॉर इंटरनैशनल सेटलमेंट्स (बी.आई.एस.) द्वारा तैयार एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है।   

 

रिपोर्ट में इस बात को लेकर चिंता जताई गई है कि ऊंचे कारपोरेट कर्ज की वजह से कुछ उभरती अर्थव्यवस्थाओं के ‘आेवर हीटिंग’ यानी ‘अर्थिक गतिविधियों में सामान्य से बहुत अधिक तेज होने और उत्पादन क्षमता पर भारी दबाव पडऩे’ की स्थिति बन गई है। ये निष्कर्ष जी-20 अंतर्राष्ट्रीयस वित्तीय ढांचा कार्यसमूह को सौंपी गई रिपोर्ट का हिस्सा हैं। यह रिपोर्ट एेसे समय आई है जबकि भारत में बैंकिंग प्रणाली में बढ़ते डूबे कर्ज को लेकर चिंता जताई जा रही है। भारत भी जी-20 समूह का महत्वपूर्ण हिस्सा है।   

 

रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ संकेतकों के आधार पर बी.आई.एस. का मानना है कि कई उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं में बैंकिंग दबाव को जोखिम बढ़ रहा है। विशेषरूप से ब्राजील, चीन और तुर्की जैसे देशों के लिए यह स्थिति है जहां ऋण- सकल घरेलू अनुपात सामान्य रुझानों की तुलना में 10 प्रतिशत या उससे अधिक ऊंचा गया है। इसमें कहा गया है कि हर 3 में से 2 वित्तीय संकट उस समय उत्पन्न हुए जब कि उसके पहले के 3 साल तक जी.डी.पी. की तुलना में ऋण के अनुपात का अंतर बढ़ गया था।  

 

भारत का जी.डी.पी. की तुलना में ऋण के अनुपात का अंतर 3.2 प्रतिशत घटा है। वहीं चीन में यह अंतर 29.7 और ब्राजील में 8.5 ऊंचा है। तुर्की के मामले में यह अंतर 11.8 प्रतिशत, कोरिया के लिए 3. प्रतिशत और मेक्सिको के लिए 7.7 प्रतिशत बढ़ा है।   रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का ऋण की किश्तों का अनुपात (निर्यात आय की तुलना में) 1.8 प्रतिशत है जबकि चीन के लिए यह 5.5 और ब्राजील के लिए 7.4 है।  रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि ब्याज 2.50 प्रतिशत भी ऊंचा हो जाए तो भारत का ऋण की किश्तों का अनुपात बढ़ कर 2. प्रतिशत हो जाएगा जबकि चीन के लिए यह आंकड़ा 8.8, ब्राजील के लिए 9.2 और तुर्की के लिए 7.4 प्रतिशत होगा। 


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