मोदी सरकार कसेगी रेलवे कर्मियों पर नकेल, देना होगा आने जाने का हिसाब

Sunday, Nov 05, 2017 - 04:41 PM (IST)

नई दिल्लीः रेलवे बोर्ड ने देर से पहुंचने वाले अधिकारियों पर नकेल कसने के लिए एक सख्त योजना बनाई है। नई योजना के मुताबिक अगले साल जनवरी से रेलवे कर्मचारियों को तभी सैलरी मिलेगी, जब वो अपना अटेंडेंस बायोमेट्रिक सिस्टम से लगाएंगे। इसके लिए रेलवे कर्मचारियों का डाटा उनके आधार से मैप किया जाएगा, जिसके जरिए कर्मचारियों की अटेंडेंस लिया जाएगा। रेलवे बोर्ड ने 30 नवंबर तक आदेश का पालन करने का निर्देश दिया है।

यह है रेलवे की नई योजना
रेलवे बोर्ड ने सभी जोनल रेलवे को आदेश दिया है कि आधारकार्ड सिस्टम पर आधारित बायोमैट्रिक अटेडेंस सिस्टम लगाए जाएं। सिस्टम को ऐसा जोड़ा जाए कि कर्मचारियों की उपस्थिति डिविजन लेवल पर डी.आर.एम. देख सकें सभी डी.आर.एम. कार्यालयों को जोनल रेलवे यानी मुख्यालय से जोड़ा जाए और सभी मुख्यालयों को रेलवे बोर्ड से जोड़ा जाए। इससे प्रतिदिन कितने रेल कर्मचारी काम कर रहे हैं उसकी ठीक संख्या बोर्ड में मॉनिटर की जाएगी।

लेटलतीफी पर लगेगी लगाम
रेल मंत्रालय का प्लान है कि इससे रेल कर्मचारियों की लेटलतीफी पर लगाम लगेगी। रेलवे बोर्ड ने देर से आने वाले और काम पर नहीं आने वाले अधिकारियों की जांच करने की योजना बनाई है। 31 जनवरी, 2018 तक सभी रेलवे के जोनल ऑफिस और डिवीजन में आधार आधारित बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम शुरू हो जाएगा। इस सिस्टम के तहत सभी कर्मचारियों को एक आईडी कार्ड दिया जाएगा, जिसमें उसका पूरा विवरण दर्ज होगा।

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