GST चोरी का बड़ा खुलासा, 8 महीने में सामने आया 12,000 करोड़ का घपला

Thursday, Dec 13, 2018 - 12:08 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः सरकार ने पिछले 8 महीनों में 12,000 करोड़ रुपए के वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) चोरी का खुलासा किया है। सैंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरैक्ट टैक्सेज एंड कस्टम (सी.बी.आई.सी.) के सदस्य जॉन जोसेफ ने कहा कि ई-वे बिल के बावजूद जमकर जी.एस.टी. की चोरी हुई है। ई-वे बिल के अनुपालन की सख्त जरूरत है। उन्होंने कहा कि 8 महीने में यह घपला सामने आया है। एसोचैम के एक इवैंट को संबोधित करते हुए जोसेफे ने कहा कि हमने जी.एस.टी. चोरी के खिलाफ अप्रैल माह में शुरूआत की थी जो नवम्बर माह तक चला है।

इससे हमें करीब 12,000 करोड़ रुपए के जी.एस.टी. चोरी का पता चला है। सैंट्रल एक्साइज या सॢवस टैक्स की तुलना में यह बड़ी रकम है। बाजार में अधिक चालाक लोग हैं जिन्हें सरकार की नजर से अपने पैसे बचाने के रास्ते पता हैं।’’ सी.बी.आई.सी. में जांच को देखने वाले को लेकर जोसेफ ने कहा कि अभी तक टैक्स अधिकारियों द्वारा 8,000 करोड़ रुपए रिकवर किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि इनमें 1.2 करोड़ जी.एस.टी. कारोबारियों में से 5 से 10 प्रतिशत ऐसे कारोबारी हैं जो इंडस्ट्री का नाम खराब करने में लगे हुए हैं।

नए जी.एस.टी. रिटर्न का बीटा वर्जन होगा लांच
गौरतलब है कि 1 जुलाई 2017 में करीब 17 लोकल टैक्सेज को एक में सम्मिलित करते हुए वस्तु एवं सेवा कर को लागू किया गया था। चूंकि यह एक नई टैक्स व्यवस्था थी तो सरकार ने इसे लागू करने के लिए कारोबारियों को कई तरह की छूट दी थी। जोसेफ ने इस बात की भी जानकारी दी कि शुरूआत में जी.एस.टी. का नया रिटर्न फॉर्म का बीटा वर्जन लांच किया जाएगा।

इसके बाद कारोबारियों के पास पर्याप्त समय होगा कि वे इसे सुविधाजनक बनाने के लिए अपने सुझाव दे सकें। गत जुलाई माह में सी.बी.आई.सी. ने नए जी.एस.टी. रिटर्न फॉर्म का ड्राफ्ट पेश किया था। इनका नाम ‘सहज’ और ‘सुगम’ है। सी.बी.आई.सी. ने इस पर लोगों का सुझाव मांगा था। ये दोनों फॉम्र्स जी.एस.टी.आर.-3बी और जी.एस.टी.आर.-1 की जगह होगा।

Isha

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