NRIs के लिए बुरी खबर, PPF से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव

Monday, Oct 30, 2017 - 12:49 PM (IST)

नई दिल्लीः राष्ट्रीय बचत पत्र (एन.एस.सी.) सहित चुनिंदा लघु बचत योजनाओं में निवेश नियमों में बदलाव के बाद सरकार ने आज कहा कि यदि इन योजनाओं के धारक निवासी से प्रवासी भारतीय (एन.आर.आई.) बन जाते हैं, तो ऐसे खाते परिपक्वता से पहले ही बंद हो जाएंगे। इस तरह के धारकों को डाकघर बचत खातों की दर चार प्रतिशत ही मिलेगी, उन्हें वह दर नहीं मिलेगी जो निवासी भारतीय के रूप में दी जा रही थी। लोक भविष्य निधि (पी.पी.एफ.) के मामले में जिस दिन खाताधारक का दर्जा एन.आर.आई. का हो जाएगा उसी दिन से उसका पी.पी.एफ. खाता बंद मान लिया जाएगा। इस फैसले से विदेशों में रह रहे भारतीय मूल के लोगों को बड़ा झटका लग सकता है।

लोक भविष्य निधि कानून, 1968 में संशोधन के अनुसार, यदि इस योजना का कोई खाता धारक प्रवासी भारतीय बन जाता है, तो उसके खाते को उसी दिन से बंद मान लिया जाएगा। उस तारीख से उसे डाकघर बचत खाते के समान चार प्रतिशत का ब्याज ही देय होगा। इन संशोधित नियमों को इसी महीने आधिकारिक गजट में अधिसूचित किया गया है। वहीं अलग से एक अधिसूचना में कहा गया है कि एन.एस.सी. के मामले में धारक के एन.आर.आई. बनने के दिन से उसे भुनाया मान लिया जाएगा।   इस पर डाक घर बचत खाते के समान ही ब्याज देय होगा। यह ब्याज उस दिन से, जिस महीने इसे भुनाया जाएगा, उससे पिछले महीने की आखिरी तारीख तक देय होगा।

पिछले महीने सरकार ने अक्तूबर-दिसंबर की अवधि के लिए लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था। पिछले साल अप्रैल से सभी लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में तिमाही आधार पर बदलाव किया जा रहा है। सरकार ने अक्तूबर-दिसंबर की तिमाही के लिए पी.पी.एफ. और एन.एस.सी. दोनों पर 7.8 प्रतिशत की ब्याज दर तय की है।

Advertising