GST काउंसिल के बड़े फैसले, पेंसिल-शार्पनर और राब हुए सस्ते, इन उत्पादों पर घटा जीएसटी

Saturday, Feb 18, 2023 - 05:35 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की दो रिपोर्ट्स को काउंसिल द्वारा स्वीकार कर लिया गया है। 49वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद प्रेस ब्रीफिंग में वित्त मंत्री ने यह बात कही। वित्त मंत्री ने कहा कि 16,982 करोड़ रुपए का सारा जीएसटी मुआवजा सैस क्लियर किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि आज सारा बकाया जीएसटी कंपनसेशन सैस जारी कर दिया गया है। 49वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित हुई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण ने इस बैठक की अध्यक्षता की है। इस बैठक में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी, राज्यों के वित्त मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। इस बैठक में राज्यों ने वित्त वर्ष 2021-22 के जीएसटी मुआवजे की गलत गणना का मुद्दा उठाया था। इस बैठक से पहले सीतारमण ने कहा था कि पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के तहत लाने के लिए राज्यों को एक एग्रीमेंट पर पहुंचने की जरूरत है।

इन उत्पादों पर घटा जीएसटी

जीएसटी काउंसिल की बैठक में कई उत्पादों पर जीएसटी घटाने का फैसला लिया गया है। तरल गुड़ (लिक्विड जैगरी/राब) पर जीएसटी को 18 फीसदी से घटाकर 0 कर दिया गया है। वहीं, अगर यह प्री-पैकेज्ड और लेबल्ड है, तो 5 फीसदी जीएसटी लगेगा। इसके अलावा पेंसिल-शार्पनर पर भी जीएसटी को घटाया गया है।

राब और पेंसिल-शार्पनर पर जीएसटी घटा

बैठक में तरल गुड़ यानी राब (लिक्विडि जैगरी) पर जीएसटी को 18 फीसदी से घटाकर 0 कर दिया गया है। वहीं, अगर यह प्री-पैकेज्ड और लेबल्ड है, तो जीएसटी 5 फीसदी लगेगा। इसके अलावा पेंसिल और शार्पनर पर जीएसटी रेट को 18 फीसदी से घटाकर 12 फीसदी कर दिया गया है।

पान मसाला पर यह हुआ फैसला

जीएसटी काउंसिल की बैठक में पान मसाला और गुटखा पर भी बड़ा फैसला हुआ है। अब पान मसाला और गुटखा पर उत्पादन के हिसाब से जीएसटी लगेगा। इन पर कैपेसिटी बेस्ड टैक्सेशन लागू होगा।

48वीं बैठक 17 दिसंबर को हुई थी

जीएसटी परिषद की 48वीं बैठक 17 दिसंबर, 2022 को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हुई थी। इसके अलावा इथेनॉल ब्लेंडिंग के उद्देश्य से एथिल अल्कोहल पर जीएसटी से छूट दी गई थी। पहले इस पर 18 फीसदी टैक्स लगता था।

1 जुलाई 2017 से देश में GST पेश किया गया था और जीएसटी (राज्यों को मुआवजा) अधिनियम, 2017 के प्रावधानों के अनुसार जीएसटी के कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न होने वाले किसी भी राजस्व के नुकसान के लिए राज्यों को मुआवजे का आश्वासन दिया गया था।

jyoti choudhary

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