Ratan Tata will: रतन टाटा की वसीयत में चौंकाने वाला खुलासा, मोहिनी मोहन दत्ता को मिला 500 करोड़ रुपए का हिस्सा
punjabkesari.in Friday, Feb 07, 2025 - 12:23 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः दिवंगत उद्योगपति रतन टाटा की हाल ही में खोली गई वसीयत में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। उन्होंने अपनी संपत्ति का एक तिहाई हिस्सा यानी लगभग 500 करोड़ रुपए मोहिनी मोहन दत्ता को देने का निर्णय लिया है, एक ऐसी शख्सियत जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। इस रहस्योद्घाटन ने टाटा परिवार समेत सभी को आश्चर्यचकित कर दिया है।
मोहिनी मोहन दत्ता जमशेदपुर के निवासी ट्रैवल सेक्टर में सक्रिय हैं। उनकी परिवारिक कंपनी स्टैलियन ट्रैवल एजेंसी का 2013 में ताज सर्विसेज में विलय हुआ, जो ताज ग्रुप ऑफ होटल्स का हिस्सा है। स्टैलियन में दत्ता परिवार की 80% हिस्सेदारी थी, जबकि शेष 20% हिस्सेदारी टाटा इंडस्ट्रीज के पास थी।
दत्ता, टीसी ट्रैवल सर्विसेज के डायरेक्टर भी रह चुके हैं, जो कि थॉमस कुक से जुड़ी एक प्रमुख कंपनी है। रतन टाटा के इस कदम ने सभी को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि दत्ता और टाटा के बीच के संबंध कितने गहरे थे।
कौन हैं मोहिनी मोहन दत्ता
रतन टाटा के करीबी लोगों का कहना है कि दत्ता उनके पुराने साथी थे। परिवार समेत उनके करीबी लोग दत्ता को जानते थे। इस बारे में पूछे जाने पर मोहिनी दत्ता ने कोई जवाब नहीं दिया। रतन टाटा की वसीयत के एग्जीक्यूटर्स में उनकी सौतेली बहनें शिरीन और डीना जेजीभॉय भी शामिल हैं। उन्होंने भी इस पर कुछ नहीं कहा। एक और एग्जीक्यूटर डेरियस खंबाटा ने भी कोई टिप्पणी नहीं की। चौथे एग्जीक्यूटर मेहली मिस्त्री ने कहा, 'मैं इस व्यक्ति के बारे में कुछ नहीं कहना चाहता।'
दत्ता की दो बेटियों में से एक ने 2024 तक नौ साल टाटा ट्रस्ट्स में काम किया। इससे पहले वह ताज होटल्स में काम करती थी। टाटा समूह के सूत्रों ने बताया कि दत्ता खुद को टाटा परिवार का करीबी बताते थे। अक्टूबर 2024 में रतन टाटा के अंतिम संस्कार में मीडिया में दत्ता के हवाले से कहा गया था कि वह रतन टाटा से पहली बार जमशेदपुर के डीलर्स हॉस्टल में मिले थे। तब रतन टाटा 24 साल के थे। उन्होंने कहा, 'उन्होंने मेरी मदद की और मुझे आगे बढ़ाया।' दत्ता ने साथ ही दावा किया था कि वे 60 साल से एक-दूसरे को जानते थे।
टाटा की वसीयत
दत्ता को दिसंबर 2024 में मुंबई के NCPA में आयोजित रतन टाटा के जन्मदिन समारोह में भी आमंत्रित किया गया था। रतन टाटा ने अपनी अधिकांश संपत्ति दान के लिए छोड़ दी है। साथ ही उन्होंने अपनी सौतेली बहनों के लिए वसीयत में कुछ पैसा छोड़ा है। माना जा रहा है कि उनकी सौतेली बहनों ने भी अपनी हिस्सेदारी दान करने की इच्छा जताई है। इस खुलासे से टाटा ग्रुप में काफी चर्चा हो रही है। कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि संपत्ति के बंटवारे की बारीकी से जांच की जाएगी।
अपने अंतिम वर्षों में, रतन टाटा ने अपनी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा देने के लिए दो संस्थाएं स्थापित की थी रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन और रतन टाटा एंडोमेंट ट्रस्ट। विभिन्न अनुमानों के अनुसार उनके पास टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस में सीधे 0.83% की हिस्सेदारी थी और उनकी कुल संपत्ति लगभग 8,000 करोड़ रुपये थी।
सूत्रों का कहना है कि उनकी वास्तविक संपत्ति कहीं अधिक हो सकती है। टाटा संस के शेयरों के अलावा रतन टाटा के पास फेरारी और मसेराती जैसी कई लग्जरी कारें, महंगी पेंटिंग्स, स्टार्टअप्स में शेयर और अन्य निवेश भी थे। रतन टाटा के पर्सनल इनवेस्टमेंट वीकल RNT एसोसिएट्स के पास वित्त वर्ष 2023 तक 186 करोड़ रुपए का निवेश था। इसका वर्तमान बाजार मूल्य कई गुना बढ़ गया होगा। रतन टाटा की संपत्ति का वितरण वसीयत को प्रोबेट के लिए जमा करने और उच्च न्यायालय द्वारा प्रमाणित करने के बाद ही किया जा सकता है। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रक्रिया में छह महीने तक का समय लग सकता है।