GST दरों में बदलाव से महंगाई पर लगेगा ब्रेक! SBI रिपोर्ट में बताईं कई जरूरी बातें

punjabkesari.in Friday, Sep 05, 2025 - 11:52 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः जीएसटी दरों में व्यापक बदलाव से आवश्यक घरेलू वस्तुओं और सेवाओं पर कर की दरें कम होंगी और इससे अगले वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति को 0.65 से 0.75 प्रतिशत तक कम करने में मदद मिल सकती है। एसबीआई रिसर्च की एक रिपोर्ट में बृहस्पतिवार को यह कहा गया। जीएसटी परिषद की बुधवार को हुई 56वीं बैठक में मौजूदा चार स्तरीय कर दर ढांचे की जगह पांच प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दो-स्तरीय कर संरचना को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा, कुछ विलासिता और अहितकर वस्तुओं और सेवाओं के लिए 40 प्रतिशत की विशेष दर निर्धारित की गई है। तंबाकू और संबंधित उत्पादों को छोड़कर नई कर दरें 22 सितंबर से प्रभावी होंगी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन 453 वस्तुओं की जीएसटी दर में बदलाव हुआ है, उनमें से 413 वस्तुओं की दरों में कमी देखी गई, जबकि केवल 40 वस्तुओं की दरों में वृद्धि देखी गई। लगभग 295 वस्तुओं पर अब 12 प्रतिशत की बजाय पांच प्रतिशत या शून्य जीएसटी दर लागू है। चूंकि आवश्यक वस्तुओं (लगभग 295 वस्तुओं) की जीएसटी दर 12 प्रतिशत से घटकर पांच प्रतिशत/शून्य हो गई है, इसलिए खाद्य वस्तुओं पर 60 प्रतिशत लाभ ग्राहकों को मिलने के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए इस श्रेणी में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति भी वित्त वर्ष 2025-26 में 0.25 से 0.30 प्रतिशत तक कम हो सकती है।

एसबीआई रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘इसके अलावा, सेवाओं पर जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने से अन्य वस्तुओं और सेवाओं पर खुदरा मुद्रास्फीति में 0.40 से 0.45 प्रतिशत की और कमी आएगी। इसमें ग्राहकों को लाभ 50 प्रतिशत मिलने का अनुमान लगाया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, कुल मिलाकर, वित्त वर्ष 2026-27 के दौरान खुदरा मुद्रास्फीति में 0.65 से 0.75 प्रतिशत तक कमी आ सकती है। जीएसटी परिषद द्वारा दरों को युक्तिसंगत बनाने से प्रभावी भारांश औसत जीएसटी दर सितंबर 2019 में घटकर 11.6 प्रतिशत हो गई है, जो शुरुआत में 14.4 प्रतिशत थी। रिपोर्ट के अनुसार, दरों में वर्तमान बदलाव को देखते हुए प्रभावी भारांश औसत जीएसटी दर घटकर 9.5 प्रतिशत हो सकती है। 
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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