बेनामी प्रॉपर्टी मामले में भोपाल पहले नंबर पर
Tuesday, Apr 03, 2018 - 12:22 PM (IST)
भोपालः आयकर विभाग का भोपाल जोन बेनामी प्रॉपर्टी पकड़ने के मामले में देशभर में अव्वल रहा है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सी.बी.डी.टी.) एक या दो दिन में इसकी औपचारिक घोषणा कर सकता है। 31 मार्च तक भोपाल स्थित बेनामी निषेध यूनिट (बीपीयू) ने करीब 330 बेनामी प्रॉपर्टी का पता लगाया है। जिनका मूल्यांकन करीब 500 करोड़ रुपए हो सकता है। भोपाल जोन में 220 से ज्यादा बेनामी प्रॉपर्टी और छत्तीसगढ़ में इन प्रॉपर्टी की संख्या करीब 110 है। अहमदाबाद (दूसरे) और जयपुर (तीसरे) स्थान पर है। इन दोनों ही राज्यों में क्रमश: 250 और 200 बेनामी प्रॉपर्टी सामने आई हैं।
भोपाल में ही मिली 60 करोड़ से ज्यादा की बेनामी प्रॉपर्टी
1 नवंबर 2016 को बेनामी लेन-देन निषेध कानून अस्तित्व में आया। इसके बाद जून-जुलाई में इसकी औपचारिक यूनिट बनी। इस यूनिट ने एक के बाद एक राजधानी के कई बेनामी के मामलों का पता लगाया। सबसे पहले भाजपा नेता सुशील वासवानी का संत हिरदाराम नगर स्थित बहुमंजिला मॉल अटैच किया गया। इसकी कीमत करीब 10 करोड़ रुपए आंकी गई। महेंद्र चौधरी की 3 करोड़ से अधिक की संपत्ति बेनामी निकली। चौधरी ने यह जमीन अपने नौकर धीरू गौड़ के नाम से खरीदी थी। जांच में ऐसा कोई व्यक्ति ही नहीं मिला। भरण-पोषण के मामले में पत्नी की शिकायत पर पति अमीन अली की करीब 3 करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी अटैच की गई। इतना ही नहीं इसके लिए किए गए सारे लेन देन को भी बेनामी माना गया। बिल्डर और कॉलेज संचालक संतोष रमतानी, प्रदीप सरैया, सिद्धार्थ सरैया की करीब 29 प्रॉपर्टी जब्त की गईं। इसका मूल्यांकन 40 करोड़ रुपए बताया गया है।