कोविड-19 महामारी: कामकाज पटरी पर लाने में अनिश्चितताओं से जूझ रही है BHEL

Monday, Aug 03, 2020 - 05:46 PM (IST)

नई दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र की इंजीनियरिंग कंपनी भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लि. (भेल) ने सोमवार को कहा कि वह कोविड19 महामारी के प्रभावों के चलते अभी भी सामान्य कामकाज शुरू होने को लेकर अनिश्चितताओं से जूझ रही है। कंपनी के अनुसार महामाीर के चलते श्रमिकों की कमी है और आपूर्ति व्यवस्था बाधित है।

सरकार ने कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये 25 मार्च से लॉकडाउन लगाया था। आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने के लिये अप्रैल के अंत से ‘लॉकडाउन’ दिशानिर्देशों में कुछ ढील दी गयी। हालांकि देश के विभिन्न भागों में कोविड-19 के मामले अभी भी बढ़ रहे हैं, भेल सामान्य परिचालन क्षमता में आने को लेकर समस्याओं का सामना कर रही है। इस बीच, सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़े के अनुसार कोविड-19 संक्रमण का आंकड़े 18 लाख को पार कर गया है जबकि 38,135 लोगों की मौत हुई है।

कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा भारत समेत दुनिया भर में कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए सामान्य कारोबारी गतिविधियों पर लौटना फिलहाल अनिश्चित लग रहा है। इस संकट के कारण आपूर्ति व्यवस्था बाधित हुई है और परियोजना स्थलों पर श्रमिकों की कमी है। भेल ने कहा कि वह बेहतर-से-बेहतर कदम उठाने के लिये लगातार मौजूदा स्थिति का आकलन कर रही है लेकिन भविष्य के प्रभाव का यथोचित आकलन स्थिति स्थिर होने पर ही संभव होगा।

कंपनी ने सूचना में कहा कि चालू वर्ष की पहली तिमाही में अंतरराष्ट्रीय आपूर्ति व्यवस्था बाधित होने के साथ 2019-20 की चौथी तिमाही के अंत में ‘लॉकडाउन’ का राजस्व, लाभ और नकद प्रवाह के संदर्भ में वित्तीय मानदंडों पर प्रभाव पड़ा है। भेल के अनुसार नकद संग्रह गतिविधियां जारी है लेकिन मौजूदा स्थिति के कारण उसमें देरी हो रही है। हालांकि कंपनी मूल उपकरण विनिर्माताओं (ओईएम) से उसके विनिर्माण संयंत्राों के उपयोग के लिये मिली प्रतिक्रिया से उत्साहित है।

भेल ने कोविड-19 महामारी के बीच मई में वैश्विक ओईएम कंपनियों से अपने संयंत्रों के साथ-साथ क्षमता का लाभ उठाने एवं उत्पादन आधार भारत स्थानांतरित के लिये रूचि पत्र आमंत्रित किया था। कंपनी ने रूचि पत्र इस सोच पर आमंत्रित किया कि कई ओईएम कंपनियां कोरोना वायरस महामारी के बीच चीन से अपना विनिर्माण आधार अन्य देशों में ले जाने को इच्छुक थी। भेल के अनुसार रूचि पत्र को लेकर करीब 60 उपयुक्त जवाब आये हैं। इसमें से 50 प्रतिशत से अधिक कंपनियां अन्य देशों की हैं। इसमें रेलवे, रक्षा एवं एयरोस्पेस, ई-वाहन, बिजली उपकरण आदि से जुड़ी कंपनियां शामिल हैं। कंपनी का उच्च स्तरीय टीम समयबद्ध तरीके से इस मामले को आगे बढ़ाने के लिये काम कर रही है।



 

rajesh kumar

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