अप्रैल से अगस्त के बीच वित्तीय घाटा बढ़कर हुआ 5.25 लाख करोड़

punjabkesari.in Saturday, Sep 30, 2017 - 11:35 AM (IST)

मुम्बईः  अर्थव्यवस्था में सुस्ती को लेकर सरकार अपनों से लेकर विपक्ष तक के सवालों से घिरी हुई है। ऐसे में अब वित्तीय घाटा बढऩे की खबर आई है। अप्रैल से जून तिमाही में वित्तीय घाटा 4.07 लाख करोड़ से बढ़कर 5.25 लाख करोड़ हो गया है। शुक्रवार को सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक यह वित्त वर्ष 2018 बजट का 19.1 फीसदी है। वित्तीय घाटा लक्ष्य के 96.1 प्रतिशत पर पहुंच गया है। बता दें 2017-2018 में वित्तीय घाटे का लक्ष्य 5.45 लाख करोड़ रखा गया था। साल दर साल आंकड़ों के मुताबिक पूंजी खर्च 91,300 करोड़ से बढ़कर 1.1 लाख करोड़ हो गया है, हालांकि डायरैक्ट टैक्स कलैक्शन से सरकार की आमदनी बढ़ी है।

1 अप्रैल से 18 सितम्बर के बीच डायरैक्ट टैक्स कलैक्शन में 15.7 फीसदी की वृद्धि हुई है और यह 3.7 लाख करोड़ हो चुका है। अर्थव्यवस्था को लेकर लगातार आलोचना झेल रहे वित्त मंत्री अरुण जेतली ने गत दिवस कहा था कि सरकार ने भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कई प्रयास किए हैं। जेतली ने कहा कि हमें विरासत में महंगाई दर 9 से 10 प्रतिशत के पास मिली थी जो अब 3.6 प्रतिशत तक आ चुकी है। डायरैक्ट टैक्स पिछले साल की तुलना में 15.7 प्रतिशत ज्यादा आया है।


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