2019 आम चुनाव से पहले देशभर में खुलेंगे 65,000 पैट्रोल पंप

Monday, Nov 26, 2018 - 10:52 AM (IST)

नई दिल्ली: सरकारी तेल कम्पनियां पिछले 4 सालों में पहली बार अपने रिटेल नैटवर्क  का विस्तार करने जा रही हैं। तेल कम्पनियों ने देशभर में 65,000 जगहों पर पैट्रोल पंप डीलरशिप के लिए आवेदन मंगवाने का ऐलान किया। हालांकि आचार संहिता की वजह से चुनाव वाले राज्यों से डीलरशीप के लिए आवेदन नहीं मंगवाए गए हैं। यहां चुनाव के नतीजों के बाद आवेदन मंगवाए जाएंगे।

तेल कम्पनियों ने जिन जगहों के लिए नए पैट्रोल पंपों का विज्ञापन दिया है, अगर वहां पंप बन गए तो इनका रिटेल नैटवर्क दोगुना हो जाएगा। हालांकि पिछले अनुभवों को देखते हुए सभी प्रस्तावित जगहों पर पैट्रोल पंप खुल ही जाएं, इसमें संदेह है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि डीलरशिप देते समय तमाम मुद्दे सामने आते हैं। कहीं जमीन से जुड़ा मसला होता है तो कभी कई दूसरी तरह के फैक्टर होते हैं। अधिकारी ने बताया कि जितने नए पैट्रोल पंपों के लिए विज्ञापन दिया गया है, उनमें से 15 से 20 हजार जमीन पर उतर सकते हैं।

नई गाइडलाइंस की शर्तों में नरमी
नई गाइडलाइंस में डीलरशीप की शर्तों में कुछ नरमी बरती गई है। नई गाइडलाइंस में आवेदकों के पास एक निश्चित फंड होने के नियम को खत्म कर दिया गया है। इसके अलावा जमीन संबंधी नियमों में भी ढील दी गई है। नए नियमों के मुताबिक वे लोग भी पैट्रोल पंप के लिए आवेदन दे सकते हैं जिनके पास जमीन नहीं है या वैसी फर्म जो जमीन के मालिक के साथ टाईअप की हो। इससे पहले पैट्रोल पंप के लिए आवेदन देने के लिए बैंक में 25 लाख रुपए होने या दूसरी वित्तीय संपत्ति जरूरी थी। ग्रामीण क्षेत्रों में रैगुलर आऊटलैट के लिए 12 लाख रुपए जरूरी थे। 

गुजरात में 4,450 पैट्रोल पंप खोलने की योजना   
सार्वजनिक क्षेत्र की 3 तेल विपणन कंपनियों (इंडियन ऑयल, भारत पैट्रोलियम और हिंदुस्तान पैट्रोलियम) की गुजरात में 4,450 पैट्रोल पंप खोलने की योजना है। एक अधिकारी  ने कहा कि इसमें इंडियन ऑयल के 2,350, भारत पैट्रोलियम के 998 और हिंदुस्तान पैट्रोलियम के 1,102 पंप शामिल होंगे। इन कंपनियों के गुजरात में पहले से ही 4,000 पंप चल रहे हैं। 

62,585 पैट्रोल पंप में से 6000 को चलाती हैं प्राइवेट कम्पनियां
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भारत में फिलहाल 62,585 पैट्रोल पंप हैं। इनमें से सिर्फ  6,000 को प्राइवेट कम्पनियां चलाती हैं। दूसरी तरफ देश में ईंधन की मांग 2017-18 में 5 प्रतिशत बढ़कर 20.5 करोड़ टन हो गई। 

विस्तार का डीलर कर रहे विरोध
मौजूदा डीलर इतने बड़े पैमाने पर विस्तार का विरोध कर रहे हैं। ऑल इंडिया पैट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के प्रैजीडैंट अजय बंसल ने कहा, ‘‘मौजूदा आऊटलैट्स की औसत बिक्री 170 किलोलीटर से घटकर 140 किलोलीटर हो चुकी है। एक तरफ जहां लागत बढ़ रही है, वहीं दूसरी तरफ  मार्जिन सिकुड़ रहा है। ऐसे में जब सरकार वैकल्पिक ईंधन की बात कर रही है तो नए पैट्रोल पंपों को खोलने का क्या तुक है?

तेल कम्पनियों को पहले विस्तार की नहीं मिली थी इजाजत
सरकारी तेल कम्पनियों को पिछले 4 सालों से अपने रिटेल नैटवर्क  को विस्तार की इजाजत नहीं मिली थी। सरकार पहले इसके लिए ऑफिशियल गाइडलाइंस को नए सिरे से तैयार करना चाहती थी। नई गाइडलाइंस आरक्षण के मानकों के अनुरूप हैं लेकिन इसमें कम्पनियों को नियुक्ति के दौरान कुछ संचालन संबंधी ढील भी दी गई है। 

ऑनलाइन ड्रॉ के माध्यम से चुना जाएगा विजेता
आवेदकों में से विजेताओं को ऑनलाइन ड्रॉ के माध्यम से चुना जाएगा। इसके बाद विजेताओं को 10 प्रतिशत सिक्योरिटी जमा करानी पड़ेगी, जिसके बाद ही वैरीफिकेशन की प्रक्रिया शुरू होगी। इससे पहले सभी आवेदकों की वैरीफिकेशन होती थी। खास बात यह है कि पैट्रोल पंप डीलरशिप के लिए चयन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन रहेगी। 

jyoti choudhary

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