इस वजह से उर्जित पटेल ने जमा रकम पर साधी चुप्पी

Friday, Jan 20, 2017 - 11:03 AM (IST)

नई दिल्लीः नोटबंदी के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गर्वनर उर्जित पटेल बुधवार को स्टैंडिंग कमिटी ऑफ फाइनैंस के सामने पेश हुए थे। इस संसदीय कमेटी को पटेल नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा की गई पुरानी करंसी की जानकारी नहीं दे पाए थे जिसके चलते  विपक्षी सांसद नाराज हो गए थे। एक्सपर्ट्स के मुताबिक इस मामले में पटेल की अपनी कुछ मजबूरियां थीं क्योंकि एक तो नोट गिनने का काम ही बहुत बड़ा है। दूसरा, कई जगहों पर एक ही नोट की दो बार गिनती की आशंका है इसलिए रिजर्व बैंक जमा कराए गए नोटों की जानकारी नहीं दे रहा है।

इस दिक्कत का करना पड़ रहा है सामना
एक्सपर्ट्स के अनुसार एक दिक्कत जमा कराए गए 500 और 1,000 रुपए के पुराने नोटों से 100 रुपए के नोट को अलग करने से भी जुड़ी है क्योंकि 100 रुपए के नोटों को बैन नहीं किया गया था। अमान्य घोषित किए गए नोटों को बैंकों में पिछले महीने की 30 तारीख तक ही जमा कराना था। हालांकि, बैंकरों का कहना है कि बिजली वितरण कंपनियों, अस्पतालों, पोस्ट-ऑफिसों और यहां तक कि डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव बैंकों ने अभी तक बैंकों के पास पुरानी करंसी जमा कराने की प्रक्रिया पूरी नहीं की है। प्रवासी भारतीयों को आर.बी.आई. के पास इस साल मार्च तक पुरानी करंसी जमा कराने की इजाजत दी गई है।

डबल काउंटिंग की समस्या को दूर करना चाहता है रिजर्व बैंक
एसबीआई के ग्रुप चीफ इकनॉमिक अडवाइजर सौम्य कांति घोष ने बताया, ‘रिजर्व बैंक ने बैंकों, पोस्ट-ऑफिसों, डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव बैंकों, पैट्रोल पंपों से पुरानी करंसी की जानकारी जुटाई है, लेकिन इनमें काफी ओवरलैप हो सकता है। हो सकता है कि इनमें से कई पैट्रोल पंपों को एसबीआई में खाता हो। ऐसे में जमा कराई गई रकम की गिनती दो बार हो सकती है।' बिजली वितरण कंपनियों के साथ भी ऐसी ही दिक्कत है। रिजर्व बैंक सही आंकड़े की जानकारी देने से पहले डबल काउंटिंग की समस्या को दूर करना चाहता है। 

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