होम लोन बदलने से पहले रखें ध्यान, छोटी गलती पड़ सकती है भारी

punjabkesari.in Saturday, Oct 11, 2025 - 05:47 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः घर खरीदना हर भारतीय के लिए बड़ा फैसला होता है और होम लोन उसका सबसे अहम हिस्सा लेकिन लंबे समय तक चलने वाले इस लोन के दौरान ब्याज दर में उतार-चढ़ाव कई लोगों को परेशान कर देता है। ऐसे में कम ब्याज दर का फायदा उठाने के लिए लोग अक्सर होम लोन बैलेंस ट्रांसफर यानी लोन को एक बैंक से दूसरे बैंक में शिफ्ट करने का विकल्प चुनते हैं। हालांकि, यह हर बार फायदेमंद साबित नहीं होता। आइए समझते हैं कि किन परिस्थितियों में यह कदम उठाना समझदारी है और कब नहीं।

कम ब्याज दर हमेशा लाभदायक नहीं

कम ब्याज दर आकर्षक लग सकता है लेकिन यह तभी फायदेमंद होती है जब लोन की शुरुआत में ट्रांसफर किया जाए। शुरुआती सालों में आपकी EMI का बड़ा हिस्सा ब्याज में जाता है, इसलिए उस समय दरों में कमी का असर ज्यादा होता है। अगर लोन की अवधि का अधिकांश हिस्सा बीत चुका है, तो ब्याज बचत बहुत कम रह जाती है और ट्रांसफर का फायदा लगभग खत्म हो जाता है।

छिपे हुए खर्चों का रखें ध्यान

होम लोन ट्रांसफर मुफ्त नहीं होता। नया बैंक आपको प्रोसेसिंग फीस, वैल्यूएशन चार्ज और लीगल फीस जैसे अतिरिक्त खर्च वसूल सकता है। कई बार ये खर्च आपकी संभावित बचत को खत्म कर देते हैं। इसलिए ब्याज दर में मामूली गिरावट देखकर जल्दबाजी में फैसला लेना नुकसानदायक हो सकता है।

केवल ब्याज दर ही नहीं, सुविधाएं भी देखें

कई बार ग्राहक सिर्फ कम ब्याज दर नहीं बल्कि बेहतर सुविधाओं के लिए भी बैंक बदलते हैं। नया बैंक अगर टॉप-अप लोन, फ्लेक्सीबल EMI या कम प्री-पेमेंट चार्ज जैसी सुविधाएं दे रहा है, तो ट्रांसफर फायदेमंद साबित हो सकता है। वहीं अगर मौजूदा बैंक हर प्री-पेमेंट पर जुर्माना लगाता है या सेवा असंतोषजनक है, तो नया विकल्प बेहतर हो सकता है।

कब न करें बैलेंस ट्रांसफर

अगर आपने अपने होम लोन का अधिकांश हिस्सा चुका दिया है, तो अब ट्रांसफर से आपको ज्यादा लाभ नहीं मिलेगा। इसके अलावा अगर आपका क्रेडिट स्कोर कमजोर है, तो नया बैंक बेहतर शर्तों पर लोन देने से इनकार भी कर सकता है। ऐसे मामलों में मौजूदा लोन को जारी रखना ही समझदारी भरा कदम होता है।


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Content Writer

jyoti choudhary

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