बैंकों ने 1.20 लाख करोड़ रुपए के फंसे कर्ज को बट्टे खाते में डाला, SBI सबसे आगे

Saturday, Jun 16, 2018 - 11:53 AM (IST)

नई दिल्लीः सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने 2017-18 में 1.20 लाख करोड़ रुपए मूल्य के फंसे कर्जों को बट्टे खाते में डाला। यह राशि आलोच्य वित्त वर्ष में इन बैंकों को हुए कुल घाटे की तुलना में 140 प्रतिशत अधिक है।



पहली बार इतनी बड़ी राशि बट्टे खाते में
आंकड़ों के अनुसार एक दशक में पहली बार है जब सार्वजनिक बैंकों को बड़ी मात्रा में राशि बट्टे खाते में डालनी पड़ी और कुल मिलाकर घाटा उठाया। सार्वजनिक क्षेत्र के 21 बैंकों ने 2016-17 तक संचयी मुनाफा कमाया था लेकिन 2017-18 में उन्हें 85,370 करोड़ रुपए का एकीकृत घाटा हुआ। वित्त वर्ष 2016-17 में सार्वजनिक बैंकों ने 81,683 करोड़ रुपए मूल्य की गैर-निष्पादित आस्तियों (एन.पी.ए.) को बट्टे खाते में डाला। इसी अवधि में संचयी आधार पर उन्हें 473.72  करोड़ रुपए का एकीकृत शुद्ध लाभ हुआ।



SBI सबसे आगे
रेटिंग एजैंसी इक्रा के अनुसार 2017-18 में केवल एस.बी.आई. ने ही 40,196 करोड़ रुपए मूल्य के फंसे कर्ज को बट्टे खाते में डाला। वहीं केनरा बैंक ने 8,310 करोड़ रुपए, पंजाब नैशनल बैंक ने 7,407 करोड़ रुपए, बैंक आफ बड़ौदा ने 4,948 करोड़ रुपए, इंडियन ओवरसीज बैंक ने 10,307 करोड़ रुपए, बैंक आफ इंडिया ने 9,093  करोड़ रुपए, आई.डी.बी.आई. बैंक ने 6,632  करोड़ रुपए व इलाहाबाद बैंक ने 3,648  करोड़ रुपए बट्टे खाते में डाले।

सुधार करने के लिए कार्रवाई शुरू
भारतीय रिजर्व बैंक ने इन बैंकों व 7 अन्य बैंकों के खिलाफ त्वरित सुधार कार्रवाई रूपरेखा के तहत कार्रवाई शुरू की है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार बैंकों ने 2013-14 में 34,409 करोड़ रुपए की राशि बट्टे खाते में डाली। 5 साल में यह राशि चार गुना बढ़ी है। वित्त वर्ष 2014-15 में यह राशि 49,018  करोड़ रुपए हो गई। वित्त वर्ष 2017-18 में यह राशि (अस्थाई तौर पर) 1.20 लाख करोड़ रुपए के रिकार्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई।

Supreet Kaur

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