छत्तीसगढ़ में बैंकों में नकदी की कमी: रमण सिंह

Monday, May 08, 2017 - 06:32 PM (IST)

नई दिल्लीः मुख्यमंत्री रमण सिंह ने आज कहा कि छत्तीसगढ़ में बैंकों में नकदी खासकर 500 और 2000 रुपए के नोटों की भारी कमी है जिससे ए.टी.एम. संचालन और कृषि भुगतान प्रभावित हुए हैं। उन्होंने सक्षम प्राधिकरण से कहा है कि वह रिजर्व बैंक के अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दें ताकि समस्या का शीघ्र समाधान किया जा सके और देश में नक्सल प्रभावित इस राज्य के बैंकों में नकदी उपलब्ध कराई जा सके। उन्होंने कहा, ‘‘छत्तीसगढ़ में बैंक नकदी की कमी से जूझ रहे हैं बैंकों में रोजाना बकाया नकदी 1,500 करोड़ रुपए से घटकर 900-1000 करोड़ रुपए रह गई है।’’ उन्होंने कहा कि नकदी की कमी ने ए.टी.एम. संचालन को भी प्रभावित किया है और किसानों के छोटे भुगतानों पर भी बुरा असर पड़ा है। 

सिंह ने नक्सलविरोधी रणनीति की समीक्षा बैठक के दौरान कहा, ‘‘रिजर्व बैंक को अपने क्षेत्रीय कार्यालयों की मदद से हमारे बैंकों को बेहतर सहायता उपलब्ध कराने और इस मुद्दे का शीघ्र समाधान करने को कहा जाना चाहिए।’’ इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने की।  

प्रधानमंत्री की उज्ज्वला योजना का जिक्र करते हुए रमन सिंह ने कहा कि एल.पी.जी. कनैक्शनों के लाभार्थियों को मिट्टी तेल का इस्तेमाल करने की भी अनुमति मिलनी चाहिए। राज्य के 8 नक्सल प्रभावित जिलों में केवल 1.8 लाख एल.पी.जी. कनैक्शन दिए गए हैं जबकि लक्ष्य 6.61 लाख का है। लोगों के मन में डर है कि यदि वे एल.पी.जी. कनैक्शन लेते हैं तो कैरोसिन तेल लेने की उनकी अर्हता समाप्त हो जाएगी। रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के एतिहासिक कारण रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कठिन जन-जातीय इलाकों में रहने वाले लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। हमने सुरक्षा और विकास की समन्वित नीति को अपनाया है। नक्सलियों ने हमेशा ही विकास प्रयासों को बाधित किया है। इससे वन क्षेत्र में रहने वालों का जीवन मुश्किल और जोखिम भरा हुआ है। हम इसकी कड़ी आलोचना करते हैं।’’ 

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