बैंकों की खराब परफॉर्मैंस जारी, Loan देने में सिर्फ 0.9 प्रतिशत ग्रोथ

punjabkesari.in Friday, Mar 03, 2017 - 09:48 AM (IST)

नई दिल्ली: लोन देने के मामले में बैंकों की खराब परफॉर्मैंस जारी है। पिछले 10 महीने में बैंकों की क्रैडिट ग्रोथ में केवल 0.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। क्रैडिट ग्रोथ में जारी रिकॉर्ड गिरावट से साफ है कि भले ही जी.डी.पी. के आंकड़े बेहतर दिख रहे हैं, लेकिन इकोनॉमी के एक बड़े इंडीकेटर क्रैडिट ग्रोथ की परफॉर्मैंस बेहद खराब है जिसके रिवाइवल की उम्मीद भी अभी बैंकर्स नहीं कर रहे हैं।

आर.बी.आई. से मिले आंकड़ों के अनुसार मार्च 2016 से लेकर जनवरी 2017 के बीच बैंकों की क्रैडिट ग्रोथ में केवल 0.9 प्रतिशत की ही बढ़ौतरी हुई है, जबकि इसी अवधि में साल 2015 और 2016 के दौरान क्रैडिट ग्रोथ 6.5 प्रतिशत की रही थी।

बैंकर सुनील पंत के अनुसार क्रैडिट ग्रोथ में रिकॉर्ड गिरावट के कारण घरेलू और इंटरनैशनल फैक्टर दोनों हैं। अभी प्राइवेट इन्वैस्टमैंट एक तरह से रुक गई है। जो भी इन्वैस्टमैंट हो रही है वह गवर्नमैंट के लैवल पर ही हो रही है, जो इकोनॉमी के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं।

पंत के अनुसार भले ही जी.डी.पी. के आंकड़ों से लग रहा है कि डीमोनेटाइजेशन का असर ज्यादा नहीं हुआ है लेकिन ऐसा नहीं है। आंकड़ों से साफ  है कि पब्लिक स्पैंङ्क्षडग काफी कम है जिसकी एक प्रमुख वजह डीमोनेटाइजेशन का कदम है।

एक पब्लिक सैक्टर बैंक के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार बढ़ता एन.पी.ए. और बैंकर्स पर हाल ही में हुए एक्शन के बाद बैंक कर्ज देने में काफी सतर्क हो गए हैं। उनके अनुसार जो प्रोजैक्ट्स 100 प्रतिशत सही हैं, उन्हीं को बैंक आसानी से कर्ज दे रहे हैं। बैंकर्स कम्युनिटी में इस बात की फीङ्क्षलग आ रही है कि कर्ज देने में अगर थोड़ी ढिलाई हुई तो बाद में सारा ठीकरा उन्हीं पर फूट सकता है।


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