बैंक यूनियनों ने 7,000 डिफाल्टर के नाम सार्वजनिक करने की धमकी दी

Saturday, Jul 16, 2016 - 10:22 PM (IST)

अहमदाबाद: अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) ने  जानबूझकर कर्ज नहीं लौटाने वाले 7,000 से अधिक कार्पोरेट रिणधारकों के नाम सार्वजनिक करने की धमकी दी है। संघ के मुताबिक इन लोगों ने बैंकों पर करीब 70,000 करोड़ रूपये का चूना लगाया है। कर्मचारी संघों ने इनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज करने की भी मांग की है।   

 
एआईबीईए महासचिव सी.एच. वेंकटाचलम ने यह भी बताया कि 29 जुलाई को बैंकों के 10 लाख कर्मचारी और अधिकारी एक दिन की हड़ताल पर जायेंगे। यह हड़ताल सरकार की ‘‘जन विरोधी बैंकिंग सुधारों को आगे बढ़ाने’’ के खिलाफ होगी। वेंकटचलम ने कहा, ‘‘जानबूझकर कर्ज नहीं लौटाने वाले इन लोगों ने किसी काम के लिये कर्ज लिया लेकिन इसका अन्यत्र इस्तेमाल कर दुरपयोग किया। करीब 7,000 करोड बड़ी कंपनियां हैं जिन्होंने बैंकों का 70,000 करोड़ रूपये जानबूझकर नहीं लौटाया है। हम अगले कुछ दिनों में इनके नाम सार्वजनिक कर देंगे।’’  
 
वेंकटचलम ने एेसे लोगों पर कारवाई के मामले में धीमी गति से आगे बढऩे पर सरकार की आलोचना की है। ‘‘हमारा मानना है कि सरकार इनके प्रति नरम रवैया अपना रही है। हम जानना चाहते हैं कि एेसे लोगों के खिलाफ आपराधिक कारवाई क्यों नहीं की जा रही है, केवल दिवानी मामले ही दर्ज किये जा रहे हैं।’’ उन्होंने सरकार से अपील की है कि जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने को आपराधिक जुर्म घोषित किया जाये और इसके खिलाफ आपराधिक कारवाई कर उनकी संपत्ति कुर्क कर धन की वसूली की जानी चाहिये। 
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