जमा पर ब्याज बढ़ाने की जल्दी में नहीं बैंक

Saturday, Aug 04, 2018 - 09:04 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारतीय रिजर्व बैंक (आर.बी.आई.) ने भले ही इस साल दूसरी बार रेपो दर में 25 आधार अंक का इजाफा किया है लेकिन बैंक जमा दरों में वृद्धि को लेकर जल्दबाजी में नहीं हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि फिलहाल बाजार में तरलता की स्थिति बेहतर बनी हुई है। बैंकरों का कहना है कि रेपो दर में बदलाव की वजह से जमा दर में वृद्धि करनी पड़ी तो वह धीरे-धीरे होगी और 5 से 10 आधार अंक के दायरे में ही रहेगी।

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के एक कार्यकारी अधिकारी ने कहा कि निकट भविष्य में जमा दरों में ज्यादा बढ़ौतरी की संभावना कम ही है। आर.बी.आई. के आंकड़ों के अनुसार जून 2017 में बैंकों में कुल जमा 105.756 लाख करोड़ रुपए से जुलाई 2018 में 8 प्रतिशत बढ़कर 114.39 लाख करोड़ रुपए हो गई। अगर दूसरी छमाही में कर्ज की मांग बढ़ती है तो बैंक संसाधन जुटाने के लिए जमा पर ब्याज बढ़ा सकते हैं वहीं कर्ज की दर में भी वृद्धि हो सकती है।

हालांकि जून में रेपो दर में 25 आधार अंक बढ़ाए जाने के बाद जमा दरों में औसतन 25 आधार अंक की वृद्धि हुई थी जबकि कर्ज की सीमांत लागत (एम.सी.एल.आर.) में 5 आधार अंक की वृद्धि की गई थी। रेटिंग एजैंसी इक्रा ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के अधिकांश बैंक आर.बी.आई. के त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पी.सी.ए.) प्रारूप के अंतर्गत हैं और ताजा कर्ज देने में अक्षम हैं। पी.सी.ए. बैंकों की अपेक्षाकृत कम क्षमता के बीच अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक तेजी से अपना लोन बुक बढ़ा सकते हैं और वे जमा दरें बढ़ाने को इच्छुक नहीं हो सकते हैं।

हालांकि निजी क्षेत्र के बैंक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की तुलना में जमा पर अपेक्षाकृत ज्यादा ब्याज देते हैं बावजूद इसके जमा में उनकी हिस्सेदारी कम है। एच.डी.एफ.सी. बैंक ने 5 करोड़ रुपए से अधिक की जमाओं पर ब्याज दर बढ़ा दी है जो अब 4.25 से 7 प्रतिशत के दायरे में है। नई दरें वीरवार से प्रभावी है। एक्सिस बैंक ने भी पिछले साल थोक जमा दरों में इजाफा कर उसे 5.75 से 7 प्रतिशत कर दिया था।  दूसरी ओर आर.बी.आई. द्वारा रेपो दर बढ़ाने के बाद यूनियन बैंक ऑफ  इंडिया, कर्नाटका बैंक और  कोटक महिंद्रा बैंक ने एम.सी.एल.आर. में 5 से 10 आधार अंक की वृद्धि की है।

Supreet Kaur

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