अाम जनता की जेब पर चली कैंची, देश के इन बड़े बैंकों का लोन हुआ महंगा

Saturday, Dec 01, 2018 - 02:40 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः आज 1 दिसंबर है और इसी के साथ आम जनता की जिंदगी में कई तरह के बदलाव हो रहे हैं, जो कहीं न कहीं लोगों के जीवन को प्रभावित करेंगे। पैन से लेकर नेट बैंकिंग तक कई तरह की तबदीलियां आज से हो रही हैं, वहीं बैंकिंग सेक्टर में भी आज बड़े बदलाव होने जा रहे हैं, जिससे आम जनता की जेब पर कैंची चलना तय है। जानकारी के अनुसार, साल 2018 के आखिरी महीने के पहले दिन सरकारी बैंकों के साथ प्राइवेट बैंकों ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेंडिंग रेट्स (MCLR) में बदलाव किया है। कुछ बैंकों ने MCLR बढ़ाया है, तो कुछ ने घटाया है। 

क्या है MCLR
आपको बता दें कि एमसीएलआर वह दर होती है, जिस पर किसी बैंक से मिलने वाले ब्याज की दर तय होती है। इससे कम दर पर देश का कोई भी बैंक लोन नहीं दे सकता है। सामान्य भाषा में यह आधार दर होती है। एमसीएलआर की दर बढ़ने पर आवास, ऑटो, व्यक्तिगत और बाकी सभी प्रकार के लोन महंगे हो जाते हैं, क्योंकि ये सभी एमसीएलआर पर ही आधारित हैं।

इन बैंकों ने MCLR में किया बदलाव

  • पंजाब नेशनल बैंक ने मौजूदा एमसीएलआर में कोई संशोधन नहीं किया है। एक दिन और 1 महीने के लिए बैंक की एमसीएलआर 8.15%, तीन महीनों के लिए 8.25%, 6 महीनों के लिए 8.45%, एक साल के लिए 8.50% और तीन साल के लिए यह दर 8.70% ही बरकरार रहेगी।
  • लक्ष्मी विलास बैंक ने एमसीएलआर को 0.05 से 0.15 फीसदी तक बढ़ा दिया है। बढ़ी हुई दरें 1 दिसंबर से लागू हो गईं। इसके बाद ग्राहकों के लिए लोन लेना पहले से महंगा हो जाएगा।

 

  • यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने MCLR में 0.05% की बढ़ोत्तरी की है। नई दरें आज से लागू हुईं।

 

 

  • प्राइवेट बैंक ICICI बैंक ने एमसीएलआर 0.10 फीसदी बढ़ाई है। नई दरें 1 दिसंबर से लागू।
  • वहीं, प्राइवेट बैंक कोटक महिंद्रा बैंक ने MCLR में 0.10 फीसदी की कटौती की है। नई दरें आज से लागू।


एमसीएलआर बढ़ने से नुकसान
एमसीएलआर बढ़ने से आम आदमी को सबसे बड़ा नुकसान यह होता है कि उसका मौजूदा लोन महंगा हो जाता है और उसे पहले की तुलना में ज्यादा ईएमआई देनी पड़ जाती है। वहीं, एमसीएलआर घटने पर ईएमआई घटती है।

Isha

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