बैंक अकाउंट को एकतरफा नहीं किया जा सकता फ्रॉड घोषित, कर्जदारों की होगी सुनवाईः सुप्रीम कोर्ट

Tuesday, Mar 28, 2023 - 01:27 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि किसी कर्जदार के बैंक खाते को धोखाधड़ी वाला वर्गीकृत करने से पहले उसे सुनवाई का अवसर मिलना चाहिए और यदि ऐसी कार्रवाई की जाती है तो एक तर्कपूर्ण आदेश का पालन होना चाहिए। प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने तेलंगाना उच्च न्यायालय के एक फैसले को कायम रखते हुए कहा कि खातों को धोखाधड़ी वाले के रूप में वर्गीकृत करने से उधारकर्ताओं के लिए अन्य परिणाम भी सामने आते हैं, इसलिए उन्हें सुनवाई का एक मौका मिलना चाहिए।

पीठ ने कहा, ‘‘उधारकर्ताओं के खातों को जालसाजी संबंधी ‘मास्टर डायरेक्शन’ के तहत धोखाधड़ी वाले के रूप में वर्गीकृत करने से पहले बैंक को उन्हें सुनवाई का अवसर देना चाहिए।’’ यह फैसला भारतीय स्टेट बैंक की एक याचिका पर आया। बेंच ने कहा कि ‘ऑडी अल्टरम पार्टेम’ (दूसरे पक्ष को सुना जाए) के नियम को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा निर्देश के प्रावधानों में पढ़ा जाना चाहिए ताकि उन्हें मनमानी से बचाया जा सके।

गौरतलब है कि आरबीआई द्वारा 2016 के मास्टर सर्कुलर को ‘वाणिज्यिक बैंकों और चुनिंदा FIs द्वारा धोखाधड़ी वर्गीकरण और रिपोर्टिंग’ पर विभिन्न उच्च न्यायालयों के समक्ष चुनौती दी गई थी। इसने बैंकों को बड़े कर्ज डिफॉल्टरों से सतर्क रहने को कहा था। आरबीआई ने कहा था कि बैंक ऐसे खातों को संदिग्ध पाए जाने पर फ्रॉड घोषित कर दें।

jyoti choudhary

Advertising