'चेतक' शुरू करने वाले राहुल बजाज अब नहीं संभालेंगे बजाज ऑटो, 50 साल बाद छोड़ेंगे कार्यकारी भूमिका

Thursday, Jan 30, 2020 - 05:27 PM (IST)

बिजनेस डेस्क: बजाज ऑटो के चेयरमैन राहुल बजाज कार्यकारी भूमिका से हटकर अब गैर-कार्यकारी निदेशक की भूमिका में नजर आएंगे। हालांकि, वह चेयरमैन के अपने मौजूदा पर बने रहेंगे। कंपनी ने वीरवार को शेयर बाजारों को बताया कि बजाज को कंपनी के निदेशक मंडल ने एक अप्रैल, 2015 को फिर से पांच साल के लिए चुना था और कार्यकारी चेयरमैन के रूप में उनका कार्यकाल 31 मार्च, 2020 को समाप्त हो रहा है। 


बजाज एक अप्रैल, 1970 से कंपनी के निदेशक हैं। इसमें कहा गया है, "कई प्रतिबद्धताओं और पहले से व्यस्त होने के चलते, राहुल बजाज ने अपना वर्तमान कार्यकाल समाप्त होने के बाद कंपनी के पूर्णकालिक निदेशक नहीं रहने का फैसला किया है। बजाज ऑटो ने कहा कि कंपनी के निदेशक मंडल ने वीरवार को एक बैठक में उनकी गैर-कार्यकारी निदेशक के रूप में नियुक्ति को मंजूरी दी।


राहुल का पद कंपनी के चेयरमैन का ही रहेगा। कंपनी ने कहा कि चूंकि बजाज 75 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हैं इसलिए सेबी के नियमों के तहत गैर-कार्यकारी चेयरमैन के रूप में उनकी नियुक्ति पर शेयरधारकों की मंजूरी लेनी होगी। दरअसल राहुल बजाज ने 1965 में बजाज समूह की कमान संभाल ली थी। 2005 में उन्होंने चेयरमैन का पद छोड़ दिया था, उसके बाद उनके बेटे राजीव बजाज मैनेजिंग डायरेक्टर की भूमिका में आ गए थे। 


बता दें कि राहुल बजाज एकमात्र एक्जीक्यूटिव हैं जो सीआईआई के दो बार अध्यक्ष रहे। सीआईआई देश की प्राइवेट पब्लिक सेक्टर की 5000 कंपनियों का प्रतिनिधित्व करती है। उन्हें 1985 में बिजनेसमैन ऑफ ईयर अवार्ड से नवाजा गया। वहीं, FIE फाउंडेशन ने उन्हें साल 1996 में राष्ट्र भूषण सम्मान से पुरस्कृत किया था। राहुल कई कंपनियों के बोर्ड के अध्यक्ष भी रहे हैं। 

vasudha

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