युवाओं के लिए बुरी खबर, 56 हजार लोग हो सकते हैं बेरोजगार

Saturday, May 13, 2017 - 12:56 PM (IST)

नई दिल्लीः ट्रंप की नई नीतियों का सीधा असर देश-दुनिया की बड़ी आईटी कंपनियों पर साफ दिख रहा है। इस साल भारत की आईटी कंपनियों में काम कर रहे लोगों की नौकरी पर छंटनी की तलवार लटक रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार विप्रो, इंफोसिस, टेक महिंद्रा, एच.सी.एल. टैक्नोलॉजीज और कॉग्निजेंट जैसी 7 बड़ी आईटी कंपनियां करीब 56 हजार कर्मियों को इस साल नौकरी से निकाल सकती है। 

हर साल होती है छंटनी
अंग्रेजी अखबार मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक इन सभी कंपनियों ने छंटनी के लिए पहले ही जमीन तैयार कर ली है। इन 7 कंपनियों में काम करने वाले लोगों की संख्या करीब 1.24 मिलियन है और यहां से करीब 4.5 फीसदी कर्मियों को निकाला जा रहा है। चौंका देने वाली बात है कि जहां एक तरफ कर्मियों को निकालने की बात चल रही है, वहीं ये कंपनियां नए लोगों को हायर भी करने जा रही है। इस पर कंपनियों का कहना है कि काम करने वालों को उनके परफोर्मेन्स के आधार पर ही निकाला जा रहा है। 

कंपनियों ने कहा कि ये पहली बार नहीं हो रहा है। पहले के आकंड़ों को देखा जाए तो करीब 1 से 1.5 फीसदी कर्मियों को इंडियन आईटी कंपनियों ने निकाला है लेकिन इस बार ये आंकड़ा 2 से 6 फीसदी तक पहुंच गया है। 

दिया जाता है टारगेट 
इंफोसिस के प्रवक्ता का कहना है कि हम कर्मियों को पहले ही टारगेट दे देते हैं, जिसके आधार पर उनका कंपनी में रुकना तय होता है। हालांकि, उन्होंने साफ किया कि इस साल बड़ी तादाद में छंटनी नहीं हो रही है। कंपनियों के एचआर ने इस मामले में बड़ी बात कही है। एचआर का कहना है कि डिजिटल बिजनेस पुराने बिजनेस से कही आगे है।

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