पतंजलि ने आयुर्वेद प्रॉडक्ट्स को दी रफ्तार

Tuesday, Feb 23, 2016 - 10:24 AM (IST)

मुंबईः बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि ने आयुर्वेद प्रॉडक्ट्स के मार्कीट को जबरदस्त रफ्तार दी है। ऐसे में न सिर्फ पतंजलि की सेल्स दोगुनी हो गई, बल्कि प्रतिद्वंद्वी कंपनियों की सेल्स में भी इजाफा हुआ है। आईएमआरबी के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, जहां दिसंबर 2015 को खत्म 6 महीनों में पतंजलि की सेल्स 64 फीसदी बढ़ी है, वहीं प्रतिद्वंद्वी कंपनी डाबर और हिमालया की सेल्स भी डबल डिजिट में रही है। इस दौरान टोटल कन्जयूमर प्रॉडक्ट्स मार्कीट बमुश्किल 6 फीसदी बढ़ा है। 

 

आईएमआरबी वर्ल्डपैनल के जनरल मैनेजर के रामकृष्णन ने कहा, ''पतंजलि की पहुंच 80 फीसदी बढ़ी है। सबसे पहले पतंजलि के पर्सनल केयर प्रॉडक्ट्स में ग्रोथ दिखी थी। हाल के दिनों में कंपनी को सबसे ज्यादा ग्रोथ होमकेयर, फूड एवं बेवरेजेज सेगमेंट से मिल रही है। हालांकि, इस सेगमेंट में अभी वह छोटी कंपनी है।'' पतंजलि आयुर्वेद ने एक दशक पहले हरिद्वार के इंडस्ट्रियल बेल्ट से अपने कारोबार की शुरूआत की थी। पहले कंपनी की बिजनस ओवर द काऊंटर मेडिसिनल प्रॉडक्ट्स पर डिपेंडेंट था। पतंजलि इन प्रॉडक्ट्स को अपने स्टोर से बेचती थी। एक साल पहले उसने अपना डिस्ट्रीब्यूशन शुरू किया था और अब वह फ्यूचर ग्रुप के 250 बिग बाजार के जरिए 77 कैटिगरी में 300 से ज्यादा प्रॉडक्ट्स बेच रही है। 

 

देश के सबसे बड़े रिटेलर फ्यूचर ग्रुप के साथ सांझेदारी करने के 4 महीने बाद पतंजलि का फोकस बिग बाजार में बिकने वाले डिटर्जेंट्स, टूथपेस्ट से लेकर साबुन और शैंपू सेगमेंट में 7 से 12 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करने पर रहा। ब्रिटेन की रिसर्च फर्म डनहम्बी के मुताबिक, बिग बाजार में ओट्स, नूडल्स और शहद जैसी फूड कैटिगरी में पतंजलि की हिस्सेदारी 7 फीसदी से 37 फीसदी तक है। डनहम्बी ने डेटा साइंस के लिए फ्यूचर ग्रुप के साथ साझेदारी की है। 

 

पतंजलि का हर्बल ब्रैंड लगातार बढ़ रहा है। लग रहा है कि उसने गैर-आयुर्वेदिक कंपनियों की हिस्सेदारी भी हथिया ली है। उदाहरण के तौर पर फेस वॉश कैटिगरी में आयुर्वेदिक ब्रैंड की हिस्सेदारी 36 फीसदी से बढ़कर 50 फीसदी हो गई। वहीं गैर-आयुर्वेदिक ब्रैंड्स की ग्रोथ इस दौरान एक साल पहले के 21 फीसदी से घटकर अब 16 फीसदी रह गई है। मार्कीट लीडर हिमालया की मार्कीट हिस्सेदारी अभी भी 35 फीसदी पर स्थिर है जबकि पतंजलि ने 7 फीसदी ग्रोथ हासिल कर ली है। ठीक यही हाल शैंपू के मामले में भी हुआ है। शैंपू मार्कीट में आयुर्वेदिक ब्रैंड्स की ग्रोथ 194 फीसदी हो गई है, जबकि इस दौरान वेस्टर्न कंपनियों की ग्रोथ पहले के 21 फीसदी के मुकाबले घटकर सिर्फ 15 फीसदी रह गई है। च्यवनप्राश, आमला और एलोवेरा जूस जैसी कैटिगरी में कंपनी की सेल्स डबल होकर 42 फीसदी हो गई है। 

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