मंदी से जूझ रहे ऑटो सेक्टर को नहीं मिली राहत, कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति देंगी कंपनियां

Friday, Oct 04, 2019 - 02:18 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः ऑटो इंडस्ट्री इस समय दो दशक के सबसे बुरे स्लोडाउन से गुजर रही है। इस स्लोडाउन का असर न सिर्फ ऑटो कंपनियों को भुगतना पड़ रहा है, बल्कि इन कंपनियों के कर्मचारियों पर भी इस मंदी का असर पड़ रहा है। अब तक ऑटो सेक्टर में कई हजार लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं। मंदी की मार को देखते हुए टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने अपने कर्मचारियों की संख्या में कटौती की घोषणा की है। कंपनी ने इसके लिए अपने स्थाई कर्मियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) लेने के लिए बोल दिया है।

इन कंपनियों ने किया एलान
इससे पहले उम्मीद जताई जा रही थी कि त्योहारी सीजन में ऑटो सेक्टर में गाड़ियों की बिक्री में उछाल आएगा, लेकिन प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा। खबरों के मुताबिक जापान की टोयोटा मोटर कापोर्रेशन की भारतीय सब्सिडियरी कंपनी टोयोटा किर्लोस्कर मोटर चौथी ऐसी कंपनी बन गई है जिसने अपने कर्मचारियो के लिए वीआरएस यानी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना शुरू की है। इससे पहले जनरल मोटर्स, हीरो मोटोकॉर्प, अशोक लेलैंड ने वीआरएस शुरू करने के एलान किया था। अशोक लेलैंड ने अगस्त में अपने कर्मचारियों के लिए ऐसी ही स्कीम लॉन्च की थी और गाड़ियों के उत्पादन में कटौती की थी। दो पहिया वाहन बनाने वाली कंपनी हीरो मोटोकॉर्प ने घाटे को पूरा करने के लिए सितंबर में अपने कर्मचारियों के लिए वीआरएस स्कीम लॉन्च की थी।

VRS स्कीम कंपनी-कर्मचारी दोनों के लिए फायदेमंद
वहीं वीआरएस स्कीम कंपनी के साथ-साथ कर्मचारियों के लिए काफी लाभदायक होती है। विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी कर्मचारी को बाहर करने की बजाय यह स्कीम ज्यादा हितकर है। ऐसे कदम उठाने से कंपनियां न केवल कर्मचारी की अहमियत प्रदर्शित करती हैं, बल्कि कर्मचारियों की लागत कम करने की भी कोशिश करती हैं। ताकि कम वाहन बिक्री के कारण अपनी ऑपरेशनल कॉस्ट और मार्जिन को संतुलित कर सकें।

 

Supreet Kaur

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