ऑटो इंडस्ट्री को 12,000 करोड़ के नुक्सान का खतरा

Saturday, Mar 25, 2017 - 11:21 AM (IST)

नई दिल्लीः 1 अप्रैल 2017 से बी.एस.4 एमिशन नॉर्म्स लागू किए जाने की तैयारी के बीच ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को भारी नुक्सान का खतरा सताने लगा है। यह खतरा बीएस.3 इंजन वाले व्हीकल्स की इंवैंटरी को लेकर है। ऑटोमोबाइल डीलर्स ने कहा है कि अगर सुप्रीम कोर्ट और ग्रीन अथॉरिटीज 1 अप्रैल के बाद बी.एस.3 व्हीकल्स को बेचने की मंजूरी नहीं देती है तो कम्पनियों को अनसॉल्ड इंवैंटरी वापस लेनी होगी। 

माना जा रहा है कि बी.एस.3 इंजन के कुल 9 लाख अनसॉल्ड व्हीकल्स मौजूद हैं। इन व्हीकल्स की कीमत 12,000 करोड़ रुपए है। ये कम्पनियां हैं बी.एस.3 को बेचने के पक्ष में 1 अप्रैल के बाद भी बी.एस.3 इंवैंटरी को बेचने और रजिस्ट्रेशन के पक्ष में टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, अशोक लेलैंड, हीरो मोटो, होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर्स इंडिया, टी.वी.एस. जैसी कम्पनियां हैं। इसके अलावा सियाम भी इसके पक्ष में है। क्या कहा डीलर्स ने फैडरेशन ऑफ  ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) ने पुराने नॉर्म्स वाले व्हीकल्स को लेने से इंकार कर दिया है। 

कन्फ्यूजन की वजह से कई रिटेल प्वाइंट्स पर बड़ी संख्या में कारोबारी नुक्सान होने का डर है। फाडा ने सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के साथ-साथ टाटा मोटर्स और अशोक लेलैंड (दोनों कम्पनियों की बी.एस.3 इंवैंटरी सबसे ज्यादा है) को अप्रोच किया है। फाडा के प्रैसीडैंट जॉन के. पॉल ने भेजे गए लैटर में कहा कि सुप्रीम कोर्ट में केस जाने और 1 अप्रैल से बी.एस.3 व्हीकल्स के रजिस्ट्रेशन और नहीं बेचने के फैसले पर सहमति बनना एक लीगल प्रोसैस है। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि सियाम के साथ एकमत होकर हमारे सदस्यों के पास मौजूद अनसॉल्ड इंवैंटरी को वापस लिया जाए।

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