सीजन के आखिर में स्टॉक बढ़ने से आलू का निकला दम, 2-3 रुपए प्रति किलो हुआ भाव

Friday, Dec 14, 2018 - 12:36 PM (IST)

चंडीगढ़ः थोक मंडियों में आलू की कीमतें इस वर्ष की शुरुआत से लगभग तीन-चौथाई गिर चुकी हैं। इसका कारण आलू का बड़ी मात्रा में स्टॉक मौजूद होना है। ट्रेडर्स ने सीजन के अंत में दाम बढ़ने की उम्मीद में आलू को कोल्ड स्टोरेज में रखा था लेकिन अब उन्हें इससे नुकसान उठाना पड़ रहा है। पिछले कुछ सप्ताह में देश भर की थोक मंडियों में आलू की कीमत 2-3 रुपए प्रति किलोग्राम रही है, जो इससे पहले 9-12 रुपए प्रति किलोग्राम की थी। आगामी सप्ताहों में आलू की नई फसल के बाजार में आने से दाम के बढ़ने की संभावना नहीं है।

उत्तर प्रदेश कोल्ड स्टोर असोसिएशन के प्रेसिडेंट महेन्द्र स्वरूप ने बताया, 'अधिकतर आलू किसानों की आमदनी अच्छी रही है क्योंकि कीमतें पिछले वर्षों की तुलना में ज्यादा थी लेकिन जिन किसानों और ट्रेडर्स ने अधिक स्टोरेज की थी उन्हें अब नुकसान उठाना पड़ेगा।' ट्रेडर्स ने बताया कि जिस समय आलू की स्टोरेज की गई थी, तब उसका दाम 8-12 रुपए प्रति किलोग्राम था और रिटेल मार्केट में यह 18-20 रुपए प्रति किलोग्राम की कीमत पर बिक रहा था। सीजन के अंत में इनवेंटरी अधिक होना सामान्य है लेकिन स्टोरेज करने के समय लागत अधिक होने से ट्रेडर्स को नुकसान हो रहा है।

कोल्ड स्टोरेज वालों को भी नुकसान स्वरूप ने बताया कि नुकसान का अधिकतर बोझ कोल्ड स्टोरेज मालिकों पर पड़ेगा जो आमतौर पर किसानों को कीमत का 60-70 फीसदी पहले भुगतान कर देते हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को सीजन के अंत में दाम बढ़ने का अनुमान था क्योंकि इस वर्ष कीमतें अधिक रही थी। देश में आलू के उत्पादन में दूसरे स्थान पर मौजूद पश्चिम बंगाल में कोल्ड स्टोरेज में लगभग नौ लाख टन आलू है। राज्य में दिसंबर के पहले सप्ताह तक आलू की नई फसल को रखने के लिए इन कोल्ड स्टोरेज को तैयार करना है। हालांकि, पश्चिम बंगाल सरकार ने किसानों और ट्रेडर्स को राहत देते हुए स्टोरेज का समय बढ़ाकर 15 दिसंबर तक कर दिया है।

jyoti choudhary

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