बढ़ता गैर-क्रूड आयात बन रहा चिंता का सबब: एसोचैम

Sunday, Aug 26, 2018 - 02:33 PM (IST)

नई दिल्लीः उद्योग संगठन एसोचैम का कहना है कि सिर्फ कच्चे तेल का आयात ही नहीं, बढ़ता गैर-क्रूड आयात भी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए चिंता का कारण बनता जा रहा है। एसोचैम ने रविवार को जारी एक विश्लेषण रिपोर्ट में कहा है कि कोयला, इलेक्ट्रॉनिक्स, रसायन, चमड़े तथा चमड़े से बने उत्पाद और फल तथा सब्जियों का आयात भी बढ़ रहा है। इससे देश के व्यापार घाटे पर दबाव बढ़ रहा है। 

जुलाई के आयात-निर्यात के आंकड़ों के आधार पर रिपोर्ट में कहा गया है 'कच्चा तेल और सोने के आयात का हमारे पास कोई विकल्प नहीं है लेकिन कमजोर घरेलू आपूर्ति के कारण कच्चा तेल और सोने को छोड़कर 30 शीर्ष उत्पादों में से 22 का आयात 10 प्रतिशत या इससे ज्यादा बढ़ा है। कच्चा तेल और सोने के अलावा कुछ अनिवार्य रसायन तथा इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद भी ऐसे हैं जिनका आयात करने के अलावा कोई और चारा नहीं है लेकिन, फलों और सब्जियों के आयात में 60 प्रतिशत की वृद्धि को निश्चित रूप से नियंत्रित किया जा सकता है।' 

इसमें बताया गया है कि जुलाई 2017 में फलों और सब्जियों का आयात 9.87 करोड़ डॉलर था जो जुलाई 2018 में बढ़कर 15.75 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया। यदि इनका आयात पूरी तरह समाप्त नहीं किया जा सकता तो घरेलू उत्पादन बढ़ाकर कम से कम इसे घटाया तो जा ही सकता है। इसी प्रकार जुलाई में कोयले का आयात 1.54 अरब डॉलर से बढ़कर 2.05 अरब डॉलर पर पहुंच गया। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि बढ़ते गैर-क्रूड आयात का यह भी मतलब है कि देश में इन उत्पादों की मांग बढ़ रही है। साथ ही इनकी घरेलू आपूर्ति भी मांग के मुकाबले कम है। जुलाई में कच्चे तेल का आयात बढऩे के कारण अर्थव्यवस्था पर आयात का दबाव बढ़ रहा है। जुलाई में यह 57 प्रतिशत बढ़कर 12.34 अरब डॉलर पर पहुंच गया। पिछले साल जुलाई में यह 7.84 अरब डॉलर रहा था। जुलाई में लोहे और इस्पात का आयात भी 20 प्रतिशत बढ़ा है। अलौह धातुओं के आयात में 29 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। बढ़ते आयात के दबाव में जुलाई में देश का व्यापार घाटा 18 अरब डॉलर पर पहुंच गया। 
 

jyoti choudhary

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