RBI के लिए बैंक इम्पोर्टेंट हैं, फिनटेक नहीं, अशनीर ग्रोवर ने फिर साधा निशाना

Sunday, Feb 11, 2024 - 01:18 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः फिनटेक फर्म भारतपे के को-फाउंडर अशनीर ग्रोवर ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक (पीपीबीएल) के खिलाफ की गई कार्रवाई के लिए एक बार फिर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की आलोचना की है। एक इंटरव्यू में अशनीर ग्रोवर ने कहा कि इस कार्रवाई के जरिए यह मैसेज दिया जा रहा है कि बैंक इम्पोर्टेंट हैं लेकिन फिनटेक नहीं। उन्होंने कहा कि भारत में स्ट्रक्चरल रूप से हम बड़े स्टार्टअप के लिए तैयार नहीं हैं। पिछले 10 से 12 वर्षों में भारत में स्टार्टअप व्यवस्थित रूप से उभरे हैं। 

GDP बढ़ाने में अहम भूमिका

अशनीर ने कहा कि हमारे पास 111 यूनिकॉर्न हैं लेकिन उनमें से किसी को भी अर्थव्यवस्था के लिए व्यवस्थित रूप से महत्वपूर्ण नहीं माना जाता है लेकिन इन स्टार्टअप्स ने 6-7.5 प्रतिशत जीडीपी विकास दर को आगे बढ़ाया है। इसका हम जश्न मनाते हैं। हम इसके जरिए भारत में एफडीआई लाए हैं और अधिकतम संख्या में नौकरियां पैदा की हैं।

फिनटेक की जनक है पेटीएम

अशनीर ग्रोवर ने भारत के फिनटेक आउटलुक में पेटीएम की अग्रणी भूमिका को स्वीकार करते हुए कहा कि कंपनी भारतपे सहित अलग-अलग फिनटेक वेंचर के लिए बेस है। अशनीर ने कहा कि हम भारतपे के संस्थापक हैं, कंपनी का अस्तित्व पेटीएम के कारण है। पेटीएम भारत में सभी फिनटेक का जनक है। यदि इसका अस्तित्व नहीं होता तो भारतपे का अस्तित्व भी नहीं होता। पेटीएम ने भारत में कैश फ्लो में मदद करने के लिए एक क्यूआर कोड को स्कैन करने के व्यवहार को सहज बनाया।

RBI के रुख की आलोचना की

आरबीआई के रुख की आलोचना करते हुए ग्रोवर ने तर्क दिया कि सजा गंभीर है। उन्होंने इस फैसले के लिए युवाओं में विश्वास की कमी को जिम्मेदार ठहराया। अशनीर ग्रोवर ने कहा- केंद्रीय रिजर्व बैंक में निर्णय लेने वाले जिम्मेदार व्यक्ति आमतौर पर लगभग 60 वर्ष के होते हैं। उनके पास बैंकों की सिस्टम का प्रबंधन करने का अनुभव होता है लेकिन 40 वर्षीय व्यक्ति के प्रति संदेह होता है।

jyoti choudhary

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